फरीदाबाद: बल्लभगढ़ बस स्टैंड पुलिस चौकी की टीम ने लावारिस हालत में मिले तीन बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाकर उनकी खुशियां वापस लौटाने में अहम भूमिका निभाई है।
गश्त के दौरान एएसआई भूपिंदर व उनकी टीम को बल्लभगढ़ बस स्टैंड के पास तीन बच्चे लावारिस हालत में मिले।
तीनों बच्चों में एक लड़की और दो लड़के थे। लड़की की उम्र करीब 10 साल और दोनों लड़कों की उम्र 3-4 वर्ष थी।
बच्चे मन के चंचल होते हैं और उन्हें सही-गलत की समझ नहीं होती। बच्चे लालच में आकर किसी गलत व्यक्ति के हाथ न लग जाएं इसलिए उन्होंने बच्चों से उनके परिजनों के बारे में पूछताछ की परंतु बच्चे कुछ भी बताने में असमर्थ थे।
इसके बाद पुलिस टीम द्वारा आसपास के लोगों से बच्चों और उनके परिजनों के बारे में पूछताछ की गई परंतु आसपास के लोगों में किसी को भी बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस टीम बच्चों को अपने साथ पुलिस चौकी में ले आई और इसकी सूचना चौकी प्रभारी को दी।
चौकी प्रभारी ने बच्चों को प्यार से अपने पास बैठाया और उन्हें फल खिलाए ताकि बच्चे उनके साथ घुल-मिल जाएं और उनके परिजनों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हो सके।
काफी समय बच्चों के बातचीत करने के पश्चात 10 वर्षीय लड़की ने अपने परिजनों का फोन नंबर चौकी प्रभारी को दिया जिस पर संपर्क करके बच्चों के परिजनों को उनके बच्चों के बारे में सूचना दी गई।
इसके पश्चात तिगांव निवासी बच्चों के पिता अपने बच्चों को लेने पुलिस चौकी आए और बताया कि वह अपने काम पर चला गया था और उसकी पत्नी दवाई लेने के लिए सीकरी चली गई थी। इसके साथ ही बच्चों की दादी भी बच्चों को 10-10 रुपए देकर आधार कार्ड लेने घर से बाहर चली गई।
परिजनों के बाहर जाते ही बच्चे भी अपनी नानी के घर जाने के लिए ऑटो में बैठ कर निकल गए जिसे पुलिस टीम ने उनकी सुरक्षा हेतु अपने पास रख लिया।
अपने बच्चों को वापस पाकर उनके परिजन बहुत खुश हुए और कहा कि यदि पुलिस नहीं होती तो उनके बच्चों के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती थी इसलिए वह तहे दिल से पुलिस टीम के साथ-साथ फरीदाबाद पुलिस का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।
पुलिस आयुक्त ने पुलिस टीम को उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए प्रोत्साहित किया और नागरिकों को अपने बच्चों का ध्यान रखने की हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि बच्चे मन के चंचल होते हैं। लालच में किसी भी अपराधिक व्यक्ति की बातों में आ सकते हैं। इसलिए उनका नागरिकों से अनुरोध है कि अपने बच्चों का खास ध्यान रखें और उन्हें शिक्षित बनाकर एक अच्छे समाज निर्माण में अपना अहम योगदान दें।