बेशक मौसम में आए परिवर्तन, नहीं बदलेंगे किसानों के मन, कपड़े के टेंट में जारी रखेंगे अपना प्रदर्शन

0
292

ठंडी हवाओं से शुरू हुआ किसानों का धरना प्रदर्शन अब गर्मी की लू को सहन करने के लिए भी अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। दरअसल, जहां अब मौसम के मिजाज में परिवर्तन होकर सूर्य की तपिश और धूप की गर्मी में बैठना मुहाल हो गया है,

ऐसे में किसान अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए जगह छोटे छोटे टेंट की जगह बड़े कपड़ों का इस्तेमाल कर टेंट बनाकर उसमें रहकर अपना आंदोलन लगातार जारी रख हुए है।

बेशक मौसम में आए परिवर्तन, नहीं बदलेंगे किसानों के मन, कपड़े के टेंट में जारी रखेंगे अपना प्रदर्शन

इसी कड़ी में बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के सामने बनाए गए टेंट सिटी में भी बढ़ते तापमान की वजह से बदलाव देखा जा रहा है। टेंट सिटी में अब प्लास्टिक के छोटे टेंट की जगह पर कपड़े के बड़े-बड़े टेंट लगा दिए गए हैं।ताकि किसानों को गर्मी से परेशानी न हो। इसके अलावा गर्मी के लिए आरओ सिस्टम भी लगाया गया है।

जानकारी के मुताबिक धरना प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों के लिए बहादुरगढ़ में हेमकुंट फाउंडेशन की ओर से टेंट सिटी बसाई गई है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ एकड़ लंबाई के इस रास्ते पर बनाई गई टेंट सिटी में रात के समय किसानों को ठहराया जाता है। इसके अलावा यहां सामान्य किसी व्यक्ति को प्रवेश करने के लिए अपना आधार कार्ड दिखाना जरूरी होता है।

बेशक मौसम में आए परिवर्तन, नहीं बदलेंगे किसानों के मन, कपड़े के टेंट में जारी रखेंगे अपना प्रदर्शन

हेमकुंट फाउंडेशन की ओर से किसानों को गर्मी से बचाने के लिए बड़े-बड़े कपड़े के टेंट लगाए गए हैं, ताकि किसानों को ज्यादा गर्मी न लगे। यहां पर एक आरओ सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे किसानों को पानी मिलता है। हेमकुंट फाउंडेशन के सदस्यों ने बताया कि और अधिक आरओ की जरूरत पड़ी तो वह भी लगाए जाएंगे।

बेशक मौसम में आए परिवर्तन, नहीं बदलेंगे किसानों के मन, कपड़े के टेंट में जारी रखेंगे अपना प्रदर्शन

दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 के खेड़ा बॉर्डर पर किसान आंदोलन में संख्या बढ़ाने को लेकर बावल चौरासी खाप गांव-गांव जाकर कृषि कानूनों के नुकसान से किसानों को अवगत करा रही है। पांच-पांच लोगों का दल बनाकर गांव-गांव भेजा जा रहा है, ताकि आंदोलन को मजबूत किया जा सके। वहीं दक्षिण के कई राज्यों से किसानों के जत्थों ने धरने पर पहुंचकर समर्थन दिया।