खिलौनों से खेलना बचपन में भला किसे पसंद नहीं होता। वही उम्र के साथ-साथ खिलौने भी कहीं ना कहीं साथ छोड़ ही जाते हैं। मगर अब खिलौनों के साथ ही पढ़ाई को और बेहतर बनाने का तरीका केंद्र सरकार के मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा निकाल लिया गया है।
सामान्य शब्दों में कहा जाए तो अब बच्चों के लिए टीचर्स ने बच्चे बनकर खिलौने बनाने के लिए दिमाग अपनाया है।
इतना ही नहीं आपको बता दें इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा देशभर में 638 जवाहर नवोदय स्कूल और 1300 केंद्रीय विद्यालय कमोबेश हर राज्य में दोनों ही संस्थाओं में अब प्रयोग के तौर पर नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को खिलौनों के जरिए पढ़ाई कराने का प्रयोग शुरू किया जाएगा।
मंत्रालय का आदेश मिलने के बाद अब विभिन्न विषयों से संबंधित टीचर अपने विषयों से संबंधित खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं।
मानव संसाधन विकास के आदेश पर देशभर के केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अपने विषय से संबंधित बनाए खिलौनों का प्रदर्शन 27 फरवरी से 2 मार्च तक ऑनलाइन करेंगे।
इस प्रदर्शनी को दोनों ही स्कूल के अध्यापक, बच्चे और बच्चों से जुड़े पेरेंट्स केंद्र सरकार की वेबसाइट माय जीओवी पर देख सकते हैं। इसके लिए पहले सभी का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
स्कूलों में खेल-खेल में बच्चों को ज्ञानवर्धक चीजें बताने और समझाने की पढ़ाई करवा सकें। केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल संजय कुमार ने भी माना खेल-खेल में बच्चों को ज्ञानवर्धक अध्ययन कराना बहुत ही कारगर कदम है, उसके लिए टीचर्स बाजार से खिलौने खरीदने की जगह खुद ही तैयार कर रहे हैं। साथ ही बच्चे भी खिलौने बनाने में उत्सुकता दिखा रहे हैं।
झज्जर स्थित जवाहर नवोदय स्कूल के प्रिंसिपल आर आर तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार का ये एक बेहतरीन प्रयास है। टीचर्स बच्चों के लिए खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं।
प्रयोग के तौर पर विभिन्न विषयों के टीचर्स ने खिलौने तैयार भी कर लिए हैं, जिनका प्रदर्शन अब ऑनलाइन किया जाएगा। फिर सरकार का आदेश मिलते ही क्लासों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। कहीं ना कहीं उस तरह का परिवर्तन छात्रों की शिक्षा को और बेहतर बनाने के प्रयास में अग्रसर होगा।