क्या मास्क पहनना आम जनता के लिए ही अनिवार्य है, इन पार्षदों के लिए नहीं है

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जिले में कोविद के मरीजों की संख्या लगातार कमी देखने को मिल रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अभी तक जिले को कोविद मुक्त घोषित नही किया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों के द्वारा मास्क नहीं लगाया जा रहा है।

ऐसा ही एक नजारा आज सेक्टर 12 स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में नगर निगम के सदन बैठक में देखने को मिला। जहां पर मौजूद पार्षदों के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई भी मास्क का उपयोग नहीं किया गया।

क्या मास्क पहनना आम जनता के लिए ही अनिवार्य है, इन पार्षदों के लिए नहीं है

वहीं नगर निगम की मेयर सुमन बाला और नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव के द्वारा मास्क का उपयोग किया गया। कोविद से अगर किसी भी व्यक्ति को बचना है तो उसके लिए उनको दो चीजों का ध्यान अवश्य रखना होगा।

उनको सबसे पहले मास्क लगाना होगा और साथ ही 2 गज की दूरी बनानी होगी। लेकिन सोमवार को सदन की बैठक में से इन दोनों में से कोई भी नियमों का पालन नहीं किया गया।

क्या मास्क पहनना आम जनता के लिए ही अनिवार्य है, इन पार्षदों के लिए नहीं है

सदन की बैठक में मौजूद किसी भी पार्षद ने मास्क का उपयोग नहीं किया हुआ था। इसके अलावा पार्षदों के बीच में किसी भी प्रकार की कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का भी प्रयोग नहीं था।

जिसकी वजह से सभी पार्षद एक दूसरे के साथ मिलजुल कर बैठे हुए थे। जैसे कि दिन-प्रतिदिन महाराष्ट्र, केरल व अन्य राज्यों में कोविद के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। लेकिन उसके बावजूद भी फरीदाबाद जिले में इसको लेकर कोई सख्ती से कार्यवाही करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं।

क्या मास्क पहनना आम जनता के लिए ही अनिवार्य है, इन पार्षदों के लिए नहीं है

अगर हम नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव और नगर निगम की मेयर सुमन बाला की बात करें तो दोनों के द्वारा पूरी बैठक में मास्क का प्रयोग किया गया। इसके अलावा उनके साथ बैठे डिप्टी सीनियर मेयर देवेंद्र चौधरी और डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग के द्वारा भी कोई मास्क का उपयोग नहीं किया गया।

बैठक में ऐसा लग रहा था कि मानो उनके शहर से कोविद-19 का नामो निशान मिट चुका है। लेकिन जब शहर के उच्च अधिकारियों के द्वारा ही कोविद-19 के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

क्या मास्क पहनना आम जनता के लिए ही अनिवार्य है, इन पार्षदों के लिए नहीं है

तो आम जनता से पालन करने की क्या उम्मीद रखा जाती है। पुलिस के द्वारा समय-समय पर मास्क ना लगाने पर लोगों के चालान भी किए जाते हैं। लेकिन क्या इन पार्षदों के भी चालान किए जाते हैं या फिर इन पार्षदों को कभी कोविद होगा ही नहीं।