ईद की खुशियो में गरीबों को शरीक करना ना भूलें मुस्लिम समुदाय : मौलाना जमालुद्दीन

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ऐसा पहली बार देखा और सुना है कि किसी बीमारी के चलते सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया हो। क्योंकि जब भी दुनिया पर कोई विपदा अती है तो आमजन अपने ईश्वर, अल्लाह इत्यादि के आगे नतमस्तक होकर एकजुट होकर उक्त बीमारी या विपदा से उभारने के लिए इबादत करते हैं।

लेकिन अब जो कहर दुनिया में बरस रहा है इतना ख़तरनाक है कि इससे बचने हेतु हर धार्मिक स्थलों पर ताला जड़ा हुआ है। उक्त बातें ऊचा गांव स्थित मस्जिद के मौलाना जमालुद्दीन ने पहचान फरीदाबाद के संवाददाता के ईद की तैयारियों को लेकर कहें।

उन्होंने कहा कि ईद उत्सव उनके जीवन का सबसे खास दिन होता है। लेकिन बावजूद आज इस वैश्विक बीमारी के चलते उनकी खुशियों को भी पलीता लग गया है। भले ही लोगों ने पूरी निष्ठा से रमजान के रोजे रखें है इबादत की है कि दुनिया इस बीमारी से छुटकारा पा ले।

लेकिन यह इबादत लोगों को अपने घरों से करनी होगी क्योंकि सोशल डिस्टेंस का आदेश सरकार द्वारा लोगों की सुरक्षा को देख ही दिया गया है। मौलाना ने मुस्लिम वर्ग से अपील करते हुए कहा कि यदि ईद कि खुशियों में लोग गरीबों को शामिल करेंगे तो अल्लाह के लिए इससे बड़ी इबादत और कुछ नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि रमजान के इस पाक माह में लोगों को जरूरी है कि वह इस बीमारी से बचने के लिए अल्लाह ताला से दुआ करें और घरों में रहकर इस पर्व की खुशियों को बाटें।