नगर निगम के अधिकारी अनभिज्ञ हैं बजट से, नहीं दे पाए पार्षदों के सवालों का जवाब

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नगर निगम में भारी गहमागहमी के बीच आखिरकार बजट 2021- 22 को पास कर दिया गया। महापौर सुमन बाला व निगमायुक्त यशपाल यादव की अध्यक्षता में बजट सत्र में बजट पास किया गया। बजट में झोल होने के आरोप लगे, पार्षद ने प्रतियां फाड़ दी, वाकआउट और इस्तीफे के दौर भी चले और अंतत: दो करोड़ रुपये के विकास कार्य प्रत्येक वार्ड होने का आश्वासन देने के साथ सर्वसम्मति से बजट पास कर दिया गया। वर्ष 2021-22 का 2593 करोड़ रुपये का बजट घाटे का है और इसमें भी शहर के विकास के लिए आय के साधन जुटाने से ज्यादा खर्चे पर जोर दिया गया है।


दरअसल, नगर निगम में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार तथा पार्षदों के लिए आवंटित की गई राशि देरी से आना तथा पिछले 4 वर्षों में नगर निगम द्वारा वार्डों में काम न होने को लेकर पार्षदों में रोष था। पार्षदों का रोष तथा गुस्सा बजट सत्र में निकला। पार्षदों के द्वारा बजट के लिए आयोजित बैठक में अपने वार्ड से संबंधित सभी समस्याएं रखी गई।

नगर निगम के अधिकारी अनभिज्ञ हैं बजट से, नहीं दे पाए पार्षदों के सवालों का जवाब

वार्ड नंबर तीन के पार्षद जयवीर खटाना ने अधिकारियों से बजट में विकास कार्य से संबंधित सवाल पूछे जिसका अधिकारी जवाब नहीं दे पाए। इस विषय पर जयवीर खटाना ने कहा कि अधिकारी बिना तैयारी के बजट बैठक में आए हैं। उन्होंने फाइनेंस कंट्रोलर विजय धमीजा से पूछा कि बजट में जमीन बेचकर पिछले वर्ष कितनी कमाई हुई। प्लानिंग विभाग के वरिष्ठ आर्किटेक्चर ड़ी.एस ढिल्लों ने बताया कि 28 जमीन की बोली लगाई गई थी जिसमें से एक जमीन बिकी, बाकी में केवल एक एक व्यक्ति ने बोली लगाई है, इसलिए सरकार ने रोक दी है।


बजट की बैठक में पार्षद जयवीर खटाना ने प्रखर रूप से अपनी बात रखी। जयवीर ने अपने वार्ड में सीवर की बदहाली का मुद्दा भी उठाया। इस पर निगमायुक्त ने उन्हें टोका कि वो प्रत्येक अधिकारी की योग्यता पर सवाल नहीं खड़े कर सकते, उन्हें सम्मानजनक तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए।

नगर निगम के अधिकारी अनभिज्ञ हैं बजट से, नहीं दे पाए पार्षदों के सवालों का जवाब

इस पर जयवीर बिफर पड़े और कहा कि जब उन्हें बोलने ही नहीं दिया जाता, तो फिर ऐसी बैठक का क्या फायदा। इसलिए वो इस्तीफा देते हैं। यह कह कर वो जाने लगे, तो साथी पार्षद जितेंद्र यादव व महापौर अपनी सीट से उठ कर उन तक पहुंचे और किसी तरह से उन्हें मना कर वापस सीट पर बैठाया।