ग्रीवेंस की बैठक के बाद भी नहीं हो पाया समस्या का समाधान, निवेशक हैं परेशान

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उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में सेक्टर 12 स्थित एचएसवीपी कन्वेंशन सेंटर में डिस्ट्रिक्ट ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी की बैठक हुई जिसमें उपमुख्यमंत्री ने कई समस्याओं को सुना तो कई समस्याओं पर लोगों को आश्वासन दिया।


दरअसल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी के प्रदेश स्तरीय अध्यक्ष है और राज्य के अलग-अलग जिलों में जाकर इस कमेटी के माध्यम से लोगों की समस्याओं का निदान करते हैं। ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी की बैठक साल में एक बार की जाती है। वर्ष 2019 में भी दुष्यंत चौटाला ने ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी की बैठक ली तथा लोगों की समस्याओं पर केवल आश्वासन दिया। आपको बता दें कि वर्ष 2019 में हुई मीटिंग के दौरान लोगों द्वारा जिन समस्याओं पर चर्चा की गई थी उसका निदान अभी तक भी नहीं हो पाया है वहीं दूसरी मीटिंग का भी गत दिन आयोजन हो चुका है।

ग्रीवेंस की बैठक के बाद भी नहीं हो पाया समस्या का समाधान, निवेशक हैं परेशान

आपको बता दें कि फेरस मेगापोलिस सिटी सेक्टर 70 के बिल्डर और निवेशकों का भी मामला इस बार ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी की बैठक में उठाया गया वहीं 2019 में भी इस मामले को उठाया गया था। परिवादी सत्यनारायण गर्ग और एडवोकेट एनके गर्ग ने शिकायत दी थी कि 102 एकड़ की परियोजना में फेरस मेगापोलिस सिटी के निदेशकों ने 400 से अधिक निवेशकों को धोखा दिया है। कुछ बंजर भूमि को छोड़कर एक भी साइट पर कोई भी काम नहीं हुआ है।

बिल्डर और निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। इस परिवाद पर 25 दिसंबर 2019 और 15 फरवरी 2020 को आयोजित बैठक में भी सुनवाई हुई थी। कोरोना के चलते 1 साल तक ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी की बैठक नहीं हुई और यह मामला अधर में लटक कर रह गया। वहीं 2021 में जब ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया तो उपमुख्यमंत्री ने दोनों पक्षों की बात सुनी और अब तक की प्रगति के बारे में पूछा।

ग्रीवेंस की बैठक के बाद भी नहीं हो पाया समस्या का समाधान, निवेशक हैं परेशान

आरोपित बिल्डर सुरेंद्र सेठ ने अपनी ओर से सहयोग की बात कही वहीं दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। खैर उपमुख्यमंत्री ने 15 दिनों में इस बात की रिपोर्ट अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर मांगी है।