सहवाग को नो बॉल फेंकना इस खिलाड़ी को पड़ गया भारी, बनना पड़ा बस ड्राईवर

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आपने यह तो सुना होगा की एक झटके में इंसान की काया पलट जाती हैं। एक ही पल में इंसान कहाँ से कहाँ पहूँच जाता है। आज एक ऐसे ही इंसान की कहानी हम आपको बताने जा रहे है। जो एक वक़्त श्रीलंका के पूर्व स्पिनर थे लेकिन आज अपना जीवन यापन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर बन गए है।

सहवाग को नो बॉल फेंकना इस खिलाड़ी को पड़ गया भारी, बनना पड़ा बस ड्राईवर

आपकों बता दें की श्रीलंका के पूर्व ऑफ स्पिनर का नाम सूरज रणदीप है। जो आज क्रिकेट की दुनिया से खुद को दूर कर चुके है। सिर्फ़ इतना ही नही इनके श्रीलंकाई स्पिनर के अलावा जिंबाब्‍वे के पूर्व क्रिकेट चिंतका नमस्‍ते और वाडिंगटन वायेंगा भी ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवरी का काम कर रहे हैं।

12 टेस्ट मैच व 31 वनडे मैच खेल चुके है सूरज

बस ड्राईवर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया में काम कर रहे सूरज ने 12 टेस्ट मैच व 31 वनडे मैच खेले है। इस दौरान टेस्ट में उन्होंने 43 विकेट और वनडे में 36 विकेट लिए हैं। आपको बता दें 2016 में उनका आखिरी वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ़ खेला था।
अभी वह लोकल क्लब के लिए क्रिकेट खेलते है।

सहवाग को नो बॉल फैकंना पड़ गया था भारी

सहवाग को नो बॉल फेंकना इस खिलाड़ी को पड़ गया भारी, बनना पड़ा बस ड्राईवर

साल 2010 में दांबुला वनडे मैच में भारतीय टीम को जीतने के लिए एक रन की ज़रुरत थी। उस वक़्त सहवाग 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। सूरज ने सहवाग को शतक ना बनाने देने के लिए नो बॉल फैकी थी।

लेकिन इसके बावजूद सहवाग ने इस बॉल पर भी छक्का मारा था लेकिन नो बॉल के कारण उनके व्यक्तिगत स्कोर में नहीं जुड़ा। बाद में सूरज ने इसके लिए खुद माफ़ी माँगी थी। साथ ही श्रीलंका क्रिकेट ने उन्हें एक मैच के लिए बैन कर दिया था और कप्तान तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना लगाया था।

सहवाग को नो बॉल फेंकना इस खिलाड़ी को पड़ गया भारी, बनना पड़ा बस ड्राईवर

2011 विश्व कप में भारत ने श्रीलंका को पछाड़ा था।

2011 विश्व कप फाइनल में श्रीलंका को मात देकर भारत ने विश्व चैंपियन का खिताब जीता था। उस वक़्त सूरज भी श्रीलंका की टीम में शामिल थे।

Written by: Isha singh