अरावली ट्रस्ट बुझाएगा अब जानवरो की प्यास, इस जगह बनाए जाएँगे तीन नए तालाब

0
233

दिन प्रतिदिन गर्मी का पारा बढ़ता ही जा रहा है। इसको देखते हुए सेव अरावली ट्रस्ट के द्वारा जंगली जानवरों के लिए पीने के पानी की सुविधा की जा रही है। उनकी ट्रस्ट के द्वारा जल्दी ही तीन तलाब बनाए जाएंगे। जिसमें करीब 2400 लीटर पानी भरा जाएगा।


सेव अरावली ट्रस्ट के मेंबर संजय मौर्य ने बताया कि वह हर साल जंगली जानवरों के लिए तालाब बनाते हैं। इस बार उनकी टीम के द्वारा तीन तालाब बनाए जाएंगे। जोकि आनंगपुर, अनखीर परसोन मंदिर के पास और पाली गांव में बनाया जाएगा।

अरावली ट्रस्ट बुझाएगा अब जानवरो की प्यास, इस जगह बनाए जाएँगे तीन नए तालाब

क्योंकि इन एरिया में सबसे ज्यादा जंगली जानवर रहते हैं या फिर यूं कहें कि आते जाते रहते है। उन्होंने बताया कि अरावली की पहाड़ियों में तेंदुआ, गीदड़, नीलगाय, बंदर, पक्षी, लंगूर आदि जीव जंतु पाए जाते हैं।

ट्रस्ट के द्वारा वह हर साल गर्मी शुरू होने से पहले इन जीव जंतुओं के लिए तालाब बनाते हैं। इस बार उनके द्वारा तीन तालाब बनाए जा रहे हैं। संजय मौर्य ने बताया कि सबसे पहले पहाड़ी इलाके में जाकर इन तालाबों के लिए खुदाई की जाती है।

अरावली ट्रस्ट बुझाएगा अब जानवरो की प्यास, इस जगह बनाए जाएँगे तीन नए तालाब

उन्होंने बताया कि यह तालाब पुराने होते हैं लेकिन यह धीरे-धीरे भर जाते हैं, इसी वजह से इन को दोबारा से खोदकर तालाब बनाया जाता है। उसके बाद इसमें नीचे की ओर क्ले मिट्टी लगाई जाती है। ताकि जब उन तालाबों में टैंकर के जरिए पानी भरा जाता है तो वह पानी जमीन के अंदर नहीं जाए इसके लिए क्ले मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।

अरावली ट्रस्ट बुझाएगा अब जानवरो की प्यास, इस जगह बनाए जाएँगे तीन नए तालाब

उन्होंने बताया कि कुछ दिनों तक तो जमीन पानी को पीती है। इसलिए उनको शुरूआती दिनों में पानी जल्दी जल्दी भरना पड़ता है। कुछ समय के बाद जैसे-जैसे तालाब पुराना होता जाता हैं, वैसे वैसे पानी तालाब में ज्यादा दिनों तक भरा रहता है।

अरावली ट्रस्ट बुझाएगा अब जानवरो की प्यास, इस जगह बनाए जाएँगे तीन नए तालाब

उन्होंने बताया कि एक तालाब में करीब 2400 लीटर पानी भरा जाता है जो कि 10 से 15 दिन आसानी से जानवरों के लिए चल जाता है। इन तालाबों को बनाने में जो भी खर्चा आएग उनको बनाने में सेव अरावली ट्रस्ट के लोगों का मुख्य योगदान रहता है। ट्रस्ट में जितने भी मेंबर है वह अपनी इच्छा अनुसार पैसे डोनेट करते हैं और उन्हीं पैसों से सेव अरावली के तहत होने वाले कार्य किए जाते है।