नगर निगम की कार्यशैली इन दिनों बेहद चर्चा में बनी हुई है चाहे वह समस्या का खानापूर्ति समाधान करना हो या फिर समस्या का समाधान ही ना करना हो। ऐसा ही एक मामला नगर निगम से सामने आया है जहां शिकायत करने के बाद नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट तो ठीक नहीं करवाई परंतु उसे उतार कर जरूर ले गई।
दरअसल, भाजपा के जिला महामंत्री मूलचंद मित्तल ने ट्विटर पर ट्वीट कर जिला प्रशासन को सेक्टर 14 – 17 की डिवाइडिंग रोड पर लगे स्ट्रीट लाइट की समस्या से अवगत कराया था। उन्होंने बताया कि सेक्टर 14 – 17 की डिवाइडिंग रोड पर काफी लंबे समय से स्ट्रीट लाइट लगी हुई थी परंतु पिछले 3 महीने से स्ट्रीट लाइट जल नहीं रही थी जिसको लेकर उन्होंने पार्षद, विधायक कार्यालय, जेई को शिकायत की थी। शिकायत के बाद कार्यवाही तो नहीं हुई परंतु नगर निगम स्ट्रीट लाइट को ही उखाड़ कर अपने साथ ले गए और कहा कि जल्द ही स्ट्रीट लाइट को ठीक करवा कर दोबारा लगवा दिया जाएगा।
जब दोबारा इस विषय के बारे में पूछताछ की तो जेई ने बताया कि यहां तो कभी स्ट्रीट लाइट लगी ही नहीं थी। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने अपने नकारापन को छुपाने के लिए यह बहाना बनाया है।
जब किसी भी प्रकार का समाधान नहीं हो पाया तो उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया और जिला प्रशासन, निगमायुक्त को इस समस्या के बारे में ट्विटर के माध्यम से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार का हिस्सा होने का यह मतलब नहीं है कि सरकारी अधिकारियों की नाकामयाबी को छुपाया जाए।
आपको बता दें कि जिले में बहुत सारी जगहों पर स्ट्रीट लाइट की समस्या बनी हुई है। नगर निगम प्रशासन ने खंभें तो लगा दिए हैं परंतु निगम खंभों पर लाइट लगाना भूल गई है।
ऐसे में यह सोचना गलत नहीं होगा कि नगर निगम की कार्यशैली पर विश्वास किया जाए या ना किया जाए।
Written By Rozi Sinha