सरकारी स्कूल की वायरल वीडियो की यह है सच्चाई, प्रिंसिपल ने कहीं यह बात

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वर्तमान समय में मीडिया की स्थिति को लेकर काफी गहमागहमी रहती है। मीडिया की स्थिति को लेकर जहां एक तरफ लोगों का नजरिया बदल रहा है वही मीडिया की कार्यशैली भी इन दिनों काफी चर्चा में है। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद से सामने आया है जहां एक सोशल मीडिया चैनल ने बिना किसी ठोस सबूत के ही न्यूज़ वीडियो को पब्लिश कर दिया।

दरअसल, इन दिनों फरीदाबाद में सोशल मीडिया न्यूज़ चैनल की भरमार है। ‌ सोशल मीडिया न्यूज़ चैनल जहां एक तरफ लोगों को जानकारी जल्द से जल्द पहुंचाने का काम करते हैं वही इनके काम की गुणवत्ता में भी भारी कमी देखी जाती है। हाल ही में एक सोशल मीडिया चैनल ने बल्लभगढ़ स्थित सरकारी स्कूल का एक वीडियो वायरल किया जिसमें एक पिता अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने के लिए गुहार करता नजर आ रहा है। पहली नजर में है यह वीडियो देखने पर लगेगा कि पिता बेहद मजबूर है और अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने में असमर्थ है।

सरकारी स्कूल की वायरल वीडियो की यह है सच्चाई, प्रिंसिपल ने कहीं यह बात

वहीं जब इस विषय में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल अशोक त्यागी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन दिनों बोर्ड परीक्षा देने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसकी फीस मात्र 50 रुपए है। इसकी भी एक तय सीमा रखी गई थी जिसके अंतराल बच्ची के अभिभावक यह है फीस जमा नहीं करवा पाए जिसके बाद बच्ची के ऊपर 500 रुपए का जुर्माना लगा।

इसके बाद बच्ची अपने पिता के साथ स्कूल में आई और प्रिंसिपल तथा अध्यापक से इस विषय में बात की और इसके बाद नाराज होकर स्कूल से चले गए। कुछ समय बाद बच्ची अपने पिता के साथ और एक मीडियाकर्मी के साथ स्कूल में आई और एक न्यूज़ वीडियो रिकॉर्ड करके ले गए। इस न्यूज़ वीडियो में प्रिंसिपल की तरफ से कोई बयान नहीं लिया गया था।

सरकारी स्कूल की वायरल वीडियो की यह है सच्चाई, प्रिंसिपल ने कहीं यह बात

आपको बता दें कि पत्रकारिता व मीडिया के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिसका पालन करना हर मीडियाकर्मी का कर्तव्य है। कोई भी संस्था यदि कोई न्यूज़ बनाती है तो दोनों पक्षों का अपना अपना बयान रखना बेहद जरूरी माना जाता है।


ऐसे में बिना दोनों पक्षों का दृष्टिकोण जाने न्यूज़ कवर करना व उसे प्रसारित करना मीडिया के स्तर को भी नीचे गिरा रहा है।

Written by Rozi Sinha