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किसानों के आगे डर गए विधायक बाबू, चोरी छिपे रात में रखनी पड़ी चौपाल की नींव

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किसान आंदोलन का असर आज कल ज्यातर गाँव मे देखने को मिल रहा है खास कर किसान कृषि कानून को लेकर सरकार के सामने आकर खड़े हो गए है किन्ही गांव में तो इतनी नाराजगी है कि यदि कोई विधायक किसी विकास कार्यो का शिलान्यास करने या उद्धघाटन करने पहुँचे तो उनका विरोध करने लगते है।

ऐसा ही कुछ नजरा देखने को मिला।
हुआ यूं कि नरवाना के विधायक एंव खादी बोर्ड के चैयरमैन रामनिवास सुरजाखेड़ा को सुबह 11 बजे एक पंचायती राज के तहत बनी भाड़ा ब्राह्मणों गांव में बनने वाली चौपाल का शिलान्यास करने जाना था ।

किसानों के आगे डर गए विधायक बाबू, चोरी छिपे रात में रखनी पड़ी चौपाल की नींव

लेकिन जैसे ही उसका पता किसानों को लगा तो गांव की ओर आने जाने वाले चारों रास्तों पर किसान जमा हो गए और किसानों ने सुरजा खेड़ा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की किसानों का कहना था कि सुरजा खेड़ा हलके के 60 हजार से ज्यादा किसानों के वोट लेकर विधानसभा तो पहुंच गए।

लेकिन कभी भी हम किसानों के हक की बात नहीं की वही किसानों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई थी कि कुछ दिनों पहले विधायक को अपना पद छोड़ने के लिए भी कहा था लेकिन हाईकमान के इशारे पर पद छोड़ने का बयान मीडिया में जारी कर दिया।

किसानों के आगे डर गए विधायक बाबू, चोरी छिपे रात में रखनी पड़ी चौपाल की नींव

इस बात पर किसानों ने कहा कि वह उनकी वोटों के आधार पर विधायक बने हैं ना कि जजपा पार्टी की मेहरबानी के ऊपर और ना ही मनोनीत किए जाने पर किसानों में भाजपा भाजपा व जजपा पार्टी के विधायकों के प्रति निरंतर आक्रोश देखने को मिल रहा है

वही बात की जाए वीरवार को गांव भाड़ा ब्राह्मणों में विधायक को गांव में बनने वाली चौपाल का शिलान्यास करने सुबह 11:00 बजे आना था हालांकि इस बात का पता किसानों को लगा तो वह ट्रैक्टरों में सवार होकर आप ही के साथ इस गांव में पहुंच गए

वहीं इसकी खबर शासन को भी लग गई और उन्होंने सुरजा खेड़ा को इसकी जानकारी दी जैसे ही विधायक को इस बात की जानकारी हुई उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया और वह गांव नहीं पहुंचे वही ग्रामीणों द्वारा की गई पूरी तैयारी जस की तस रह गई।

किसानों ने गुर्थली रोड सुरजा खेड़ा रोड गोली खा लो शिमला रोड बिलरखा रोड पर घंटा तक जाम लगा रखा और वही खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे ।इस विरोध की सूचना मिलते ही विधायक ने अपने कार्यक्रम में बदलाव क्या और बीच रास्ते में ही रद्द कर दिया।

सूत्रों से पता चला कि रामनिवास सुरजाखेड़ा के पंचकूला निवास स्थान पर कई दिनों पहले भाणा ब्राह्मणा गांव के कुछ व्यक्ति पहुंचे थे और चौपाल की नींव रखने की अपील की थी सहमति जताते हुए विधायक ने भी इस वीरवार का प्रोग्राम तय कर लिया और सो जा खेड़ा पंचकूला से गांव के लिए रवाना भी हो चुके थे।

जैसे ही किसानों के विरोध के बारे में आभास हुआ उनको वापस लौटना पड़ रहा इससे पूर्व नरवाना की किसान महिलाओं ने भी विधायक के कार्यालय में घुसकर उनके विरोध में नारेबाजी की थी लेकिन बता दें कि श्याम जब विरोध करने पहुंचे किसान अपने अपने घर लौट गए तो वीरवार शाम 5:00 बजे सुरजा खेड़ा गांव में पहुंचे और भगवान परशुराम चौपाल का शिलान्यास करके निर्माण के लिए ₹10 लाख की राशि देने का भी आश्वासन दे दिया।

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