हिफाजत कैंपेन के अंतर्गत बल्लभगढ़ महिला पुलिस ने छात्राओं को बाल अपराध के विरुद्ध किया जागरूक

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बल्लभगढ़ सेक्टर 10 स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बल्लभगढ़ महिला थाना प्रभारी उप निरीक्षक माया व सहायक उपनिरीक्षक संगीता ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

स्कूल की तरफ से प्रधानाचार्य डॉ विजेंद्र कसाना, श्रीमती वीरबाला, श्रीमती रश्मि पवार, हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से श्रीमती उर्मिला और श्रीमती इंदिरा हुड्डा इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

हिफाजत कैंपेन के अंतर्गत बल्लभगढ़ महिला पुलिस ने छात्राओं को बाल अपराध के विरुद्ध किया जागरूक

स्कूल प्रधानाचार्य डॉ विजेंद्र कसाना ने फूल माला पहनाकर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया।

श्रीमती माया ने हरियाणा पुलिस द्वारा चलाए गए हिफाजत कैंपेन के तहत स्कूल की छात्राओं को बाल अपराध के प्रति जागरूक किया।

उन्होंने बच्चों के विरुद्ध समाज में घटित हो रहे विभिन्न अपराधों जैसे शोषण, देह व्यापार, यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना आदि के बारे में छात्राओं को जागरूक करते हुए उन्होंने बताया की इस प्रकार के अपराधों के विरुद्ध सख्त कानून बनाए गए हैं जिनके अंतर्गत अपराधियों कड़ी सजा का प्रावधान है।

हिफाजत कैंपेन के अंतर्गत बल्लभगढ़ महिला पुलिस ने छात्राओं को बाल अपराध के विरुद्ध किया जागरूक

पोक्सो एक्ट के बारे में बताते हुए श्रीमती माया ने बताया की बच्चों के अधिकारों के संरक्षण में इस कानून का अहम योगदान है। यदि उनके या उनके किसी भी साथी के साथ किसी भी प्रकार का बाल अपराध घटित होता है तो वह इसकी सूचना 1098 पर दें। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण के बारे में छात्राओं और वहां पर मौजूद महिलाओं को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे जीवन का मूलभूत आधार है जो हमें हमारे अधिकारों की जानकारी प्रदान करती है।

श्रीमती माया ने कहा कि आत्मनिर्भर बनकर महिलाएं समाज में उच्च स्थान प्राप्त कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों की जानकारी होना अति आवश्यक है।

महिलाओं के विरुद्ध घटित हो रहे अपराधों के बारे में जागरूक करते हुए महिला पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसी भी प्रकार के महिला अपराध की सूचना पुलिस को देखकर अपराधियों को सजा दिलाने में अपना अहम योगदान दें।

स्कूल की छात्राओं ने थाना प्रभारी श्रीमती माया को अपना रोल मॉडल स्थापित किया। बाल अपराध के विरुद्ध उन्हें जागरूक करने के लिए उन्होंने श्रीमती माया का धन्यवाद किया और पढ़ लिखकर उनके जैसा बनने का संकल्प लेने के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया।