भ्रष्टाचार को लेकर निगम महापौर सख्त, मांगी पार्षद फंड की जानकारी

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नगर निगम की महापौर सुमन बाला ने नगर निगम की कार्यशैली को गंभीरता से लेते हुए इस पर काम करना शुरू कर दिया है। महापौर सुमन बाला ने चीफ इंजीनियर रामजीलाल को पत्र लिखकर विकास कार्यों की डिटेल्स मांगी है।

दरअसल इन दिनों नगर निगम भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। निगम से भ्रष्टाचार के कई मामले आए दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बने रहते हैं। ऐसा ही एक मामला नगर निगम से सामने आया है जहां निगम अधिकारियों ने ठेकेदारों को भुगतान तो कर दिया परंतु विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई। अब महापौर सुमन बाला नगर निगम को लेकर काफी गंभीर हैं और पार्षद फंड के एक करोड़ रुपए के बजट के किन कार्यों को सुनिश्चित किया गया है, की पूरी जानकारी मेयर कार्यालय में मांगी है।

भ्रष्टाचार को लेकर निगम महापौर सख्त, मांगी पार्षद फंड की जानकारी

इसके अलावा 40 वार्डों में होने वाले कार्यों के लिए कितने टेंडर किए गए हैं इससे संबंधित भी सभी जानकारी पत्र के माध्यम से मांगी गई है। सभी जानकारी को 10 मार्च तक जमा कराने के कड़े आदेश भी दिए गए हैं। आपको बता दें कि नगर निगम पार्षद फंड से वार्ड पार्षदों को एक करोड रुपए की राशि अलॉट की गई है जिसमें वार्ड के सभी विकास के कार्य करवा सकते हैं।

गौरतलब है कि नवंबर 2020 में नगर निगम के सदन बैठक में पार्षदों को एक करोड रुपए के विकास कार्य पार्षदों के अनुसार कराने पर सहमति दर्ज की गई थी।

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इसके बाद सभी पार्षदों ने अपनी अपनी फाइल बनाकर निगम में जमा करवाई लेकिन अभी तक एक भी विकास कार्य पर काम नहीं हो सका है। इसलिए महापौर ने अब इसकी सूची तलब की है।

वार्ड नंबर 3 के पार्षद जयवीर खटाना ने बताया कि यदि अधिकारी ठीक से काम करें तो सभी विकास कार्य समय पर ह़ो। फाइल जमा किए हुए कई महीने हो गए हैं अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है।