बर्थडे मंथ शुरू होते ही कोविद के मरीजों की संख्या बड़ी, 6 दिन में आए 90 पाॅजिटिव मरीज

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मार्च यानी कोविद का जन्मदिन समझ ही गए होंगे आप कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं। जी हां मैं बात कर रही हूं मार्च 2020 जब महामारी का दौर शुरू हुआ था। पहला मरीज 12 मार्च को एनआईटी तीन नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पाया गया था।

जिसके बाद 22 मार्च को देश भर में लॉकडाउन लगा दे गया। करीब 8 से 9 महीने लॉकडाउन लगने के बाद भी कोविद के मरीजों की संख्या में कमी तो आई। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 1 साल पहले जो महामारी का दौर रहा था वह दोबारा से अपने आप को दोहराने की कगार पर है।

बर्थडे मंथ शुरू होते ही कोविद के मरीजों की संख्या बड़ी, 6 दिन में आए 90 पाॅजिटिव मरीज

क्योंकि पिछले 6 दिनों में जिले में 90 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सावधानियां भरती जा रही है। लेकिन उसके बावजूद भी कोविद के मरीजों में कमी आने की बजाय बढ़ोतरी देखी जा रही है।

अगर हम आंकड़ों की बात करें तो 1 मार्च को 6, 2 मार्च को 12, 3 मार्च को 20, 4 मार्च को 17, 5 मार्च को 12 और 6 मार्च यानी कल शनिवार को 23 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में कोविद के मरीजों की संख्या में इजाफा ही हुआ है।

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वहीं अगर फरवरी के आखिरी सप्ताह की बात करे तो 28 फरवरी को 10, 27 फरवरी को 7, 26 फरवरी को 8, 25 फरवरी को 2, 24 फरवरी को 10, 23 फरवरी को 8 और 22 फरवरी को 14 पॉजिटिव मरीज पाए गए थे। जिले में दिन-प्रतिदिन कोविद के मरीजों की संख्या में इजाफा होते देख स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मार्च 2020 में जो महामारी का दौर शुरू हुआ था। वह दोबारा से दोहराया ना जाए। इसीलिए उनके द्वारा टीकाकरण अभियान तो चलाया जा रहा है।

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साथ ही साथ ही टीका लगवाने आए लोगों को हिदायत भी दी जा रही है कि वह मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करना बंद ना करें। इसके अलावा अगर हम पब्लिक प्लेस की बात करें तो वहां पर भी प्रशासन के द्वारा कोई सर्तकता नजर नहीं आ रही है।

क्योंकि लोग बाजारों में, रेस्टोरेंट में, मॉल में, पार्क में, यहां तक कि अपने ऑफिस में भी बिना मास्क के काम करते हुए कर्मचारी व अधिकारी नजर आ जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। उसमें टीका लगवाने से पहले उक्त व्यक्ति को जागरूक किया जाता है, कि वह मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करना बंद ना करें।

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क्योंकि अभी महामारी का दौर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। लेकिन उसके बावजूद भी अगर हम बीके अस्पताल की बात करें तो वहां पर हर रोज करीब हजारों की संख्या में मरीज अपना उपचार करवाने के लिए आते हैं। उन मरीजों को उपचार करवाने के लिए ओपीडी कार्ड बनवाना पड़ता है।

कार्ड काउंटर पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग किया जाता है और ना ही मास्क का। क्योंकि वहां सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना कार्ड बनवाने के लिए लाइन में खड़े होते हैं। कार्ड बनवाने के बाद जब मरीज ओपीडी में उपचार के लिए जाता है। तो उ नकी सुविधा के लिए ओपीडी में हर डाॅक्टर के कमरे के बाहर मरीजों के बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं। लेकिन उन बेंच पर भी मरीजों के द्वारा कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग नहीं किया जाता है।

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उपचार करवाने आए कई मरीज और बच्चे ऐसे ओपीडी में नजर आते हैं जो मास्क लगाते ही नहीं है। वही महामारी का जब दौर शुरू हुआ था ओपीडी में जगह-जगह सैनिटाइजर की मशीलों को लगाया हुआ था। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उन मशीनों का भी अता पता नहीं है।

अस्पताल में अगर कोई भी मरीज या उसका परिजन बिना मास के नजर आता है, तो वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड उनको अवगत कराते हैं। लेकिन अब उन्होंने भी यह ड्यूटी करना बंद कर दिया है। जिसकी वजह से वहां आने वाले मरीज व उनके परिजनों को किसी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है।

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इसके अलावा अगर हम शहर के पार्को, सड़क को, बाजारों और मॉल की बात करें तो वहां पर भी पुलिस के द्वारा पहले मास्क ना पहनने पर चालान काटे जाते थे। लेकिन अब उनके द्वारा भी दिलाई बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मार्च महीने को कोविद के बर्थडे के रूप में मनाने को तैयार हो जाए।

क्योंकि आने वाले समय में कोविद के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है। नोडल ऑफिसर डॉ रमेश का कहना है कि महामारी को करीब 1 साल होने वाला है। लेकिन लोगों में जिस तरह से पहले जागरूकता थी मास्क और सैनिटाइजर को लेकर वह अब कम देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सर्तक है।