भ्रूण जांच करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच

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स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा भ्रूण जांच के लिए रेड की गई। जोकि नोएडा में स्थित एक अस्पताल में फरीदाबाद, दिल्ली और गुड़गांव की गर्भवती महिलाओं को ले जाकर की जाती थी। फरीदाबाद की स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा इसका पर्दाफाश किया गया।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सीएमओ डॉक्टर रणदीप सिंह पुनिया को सूचना मिली थी कि फरीदाबाद की गर्भवती महिलाओं को दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा में भ्रूण जांच के लिए ले जाया जाता है। जिस पर सीएमओ के द्वारा एक टीम का गठन किया गया।

भ्रूण जांच करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच

जिसमें एसएमओ एवं नोडल ऑफिसर डॉक्टर हरजिंदर, डॉ राखी, डॉक्टर स्वर्णा आदि मौजूद थे। उसके बाद एक फर्जी ग्राहक को तैयार किया गया। जिसके बाद मुखबिर ने हरीश नाम के व्यक्ति को मोबाइल के जरिए 6 मार्च को करीब 10:00 बजे बात की। मुखबिर ने बताया कि उसकी पत्नी शालिनी 4 महीने की गर्भवती है और गर्भ में बच्चे की लिंग की जांच करनी है।

सब बातचीत उनकी फोन के थ्रू हुई और ₹60000 में गुप्त मुखबिर और हरीश के बीच सौदा तय हो गया। इसके बाद मुखबिर से हरीश से कहा कि वह अपनी पत्नी को लेकर बी के बीके चौक पर करीब 12:30 बजे पहुंची। टीम ने उसको 60000 रुपये नकद दिए। जो कि 500 के नोट थे 120। आदेश अनुसार मुखबिर 60000 रुपये के साथ डिकॉय को बीके चौक लेकर पहुंचा।

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जहां हरीश पहले से मौजूद था । हरीश ने मुखबिर और डिकॉय को कहा कि वह दिल्ली स्थित अनाज मंडी के हनुमान मंदिर के पास पहुंचे। उसके बाद हरीश एक कार से डिकॉय को नोएडा की ओर ले जाना शुरू कर दिया। जिसके बाद सेक्टर 51 मेट्रो तक पहुंचा और नोएडा उत्तर प्रदेश मैं पहुंचने के बाद उसने एक मोबाइल नंबर जोकि दीपक नाम के था।

उस व्यक्ति को कॉल करके बुलाया। करीब आधे घंटे के बाद दीपक वहां आया और डिकॉय से कुछ पूछताछ की। और पैसे हरीश को दे दिया। हरीश ने मुस्तफिजुर रहमान को फोन किया। कुछ समय के बाद रहमान एक बाइक जो कि यूपी के नंबर की थी आया। दीपक से पैसे लिए जो कि करीब 41000 थे।

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पैसे लेने के बाद रहमान ने एक मोबाइल नंबर पर कॉल किया। जोकि परवत नाम का एक डॉक्टर था। डॉक्टर ने एक जितेंद्र नाम के व्यक्ति को फोन करके अवगत कराया कि एक भ्रूण जांच करनी है। जिसके बाद डॉक्टर सफेद रंग की स्कूटी जिसका नंबर यूपी का था मेट्रो स्टेशन नोएडा के पास आया और बताया कि हरीश और दीपक गाजियाबाद स्थित एक क्लीनिक में डिकॉय को लेकर पहुंच जाएं।

क्योंकि वहां डॉक्टर जितेंद्र भ्रूण जांच के लिए मौजूद है। कुछ समय के बाद दीपक, हरीश और डिकॉय कवि नगर चौक गाजियाबाद के पास डॉक्टर जितेंद्र से मिलते है औरबाइक के जरिए क्लीनिक पर पहुंच जाते हैं। जहां पर डॉक्टर जितेंद्र को शक हो जाता है और वह कहता है कि वह अगले दिन आए।

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उसके बाद वह वापस सेक्टर 51 नोएडा आ जाते हैं और एसआरएस हॉस्पिटल नोएडा के पास रुक जाते हैं। तभी रहमान को लग जाता है कि टीम उनका पीछा कर रही है और वह भागने की कोशिश करते हैं लेकिन सभी आरोपियों को धर दबोच लिया जाता है ।पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।