समय बदल रहा है। तरीके बदल रहे हैं। पहले सेमिनार अब वेबिनार हो रहे हैं। इसी प्रकार पहले सीमेंट से लेकिन अब समय बदल रहा है तो प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण हो रही हैं। प्रदेश में ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि, प्रदेश में सिरसा के डबवाली में सड़क प्लास्टिक-कचरे से ही बनेगी।
हर दिन कुछ ना कुछ नया करने से ही क्रांति आती है। हरियाणा में लिया गया यह फैसला काफी अच्छा माना जा रहा है। आपको बता दें, यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जानी है।
अभी से ही नहीं बल्कि काफी समय से हम देख रहे हैं कि प्लास्टिक धीरे-धीरे सभी मानव आवश्यकताओं का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसके दुष्परिणाम भी अनेकों हैं। प्रदेश में कुछ समय पहले दुष्यंत चौटाला तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद यह भी तय हुआ कि डबवाली में बनने वाली सड़कों की चौडाई बढ़ेगी।
प्लास्टिक उपयोग करने से हमें ही नुकसान होता है। लेकिन अब इनका सड़क निर्माणों में योगदान होने से थोड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत में आने वाले समय से अधिकतर सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया जाएगा। यहां बनने वाली सड़कें नैनो टेक्नोलॉजी से बनेंगी। हरियाणा में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग डबवाली में होने जा रहा है।
हरियाणा से पहले काफी जगहों पर केंद्र सरकार ने इस तरीके से सड़क बनाने का काम किया है। सरकार का प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण का प्रयोग सफल रहा है और इसके तहत देश में एक लाख किलोमीटर से ज़्यादा सड़कें बनाई भी जा चुकी हैं।