उम्र छोटी थी हौसला नहीं, जब स्वीमिंग पूल थे बंद, नहर में की प्रैक्टिस, अब पदकों की लगा दी इन बहनों ने लाइन

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    सफलता उम्र नहीं बस मेहनत और लगन देखती है। ऐसा एहसास काफी लोगों ने करवाया भी है। मेहनत करने से ही आप सबकुछ हासिल कर सकते हैं। बात करें हरियाणा की दो बहनों की तो उन्होंने भी कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। प्रदेश के हिसार जिले की सेक्टर 9-11 निवासी अस्मिता और अवनीता ने स्टेट स्वीमिंग चैंपियनशिप में पदक झटके हैं।

    छोटी सी उम्र में उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके माता पिता ने भी खूब सहारा दिया। इस चैंपियनशिप में अस्मिता ने एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक जीता है तो अवनीता ने 400-200 फ्री स्टाइल में दो कांस्य पदक हासिल किए हैं।

    उम्र छोटी थी हौसला नहीं, जब स्वीमिंग पूल थे बंद, नहर में की प्रैक्टिस, अब पदकों की लगा दी इन बहनों ने लाइन

    इंसान को कभी भी कुछ भी करने का जूनून सोने नहीं देता है। अगर सो गए तो जुनून कहां, बस वो महज ख्वाब था। इन पदकों तक पहुंचने के लिए कई बाधाओं और चुनौतियों को इन जुड़वा बहनों ने मात दी है। दरअसल महामारी फैली तो लॉकडाउन लगा दिया गया। ऐसे में प्रदेशभर के स्वीमिंग पूल भी बंद हो गए।

    उम्र छोटी थी हौसला नहीं, जब स्वीमिंग पूल थे बंद, नहर में की प्रैक्टिस, अब पदकों की लगा दी इन बहनों ने लाइन

    लॉकडाउन में काफी लोगों ने अपने टारगेट को भुला भी दिया था। इन बहनों ने ऐसा नहीं होने दिया। महामारी अपना कहर बरपा रही थी लेकिन इन्होनें हार नहीं मानी। लॉकडाउन में सब बंद होने कारण यही बहनें अब प्रैक्टिस कैसे करती तो उन्होंने हिसार की बालसमंद नहर में प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। नहर में प्रैक्टिस से वह एक कुशल तैराक बन गईं।

    उम्र छोटी थी हौसला नहीं, जब स्वीमिंग पूल थे बंद, नहर में की प्रैक्टिस, अब पदकों की लगा दी इन बहनों ने लाइन

    हमेशा आपको ऐसा बनना चाहिए जो आपसे प्रेरणा ले सकें। सफलता उनको मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। इस पंक्ति का चरितार्थ यह बहने बखूबी कर रही हैं।