पालतू जानवर मरने की तो कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज एक ऐसी कहानी आपको सुनाना चाहेंगे जिसमें चरते चरते चार बकरी मरने का मामला सामने आया है।
क्योंकि जब भी कोई जानवर चरने के लिए खाली पड़े मैदान में जाता है। तो उसको यह नहीं पता होता है कि जो वह जिस चीज खाने के लिए जा रहा है। उसमें कोई कीटनाशक दवाई तो मिली तो नहीं हुई है।
क्योंकि जब भी कोई जानवर खाली पड़े मैदान चरने की लिया निकल जाता है। तो उसकी पूरी जिम्मेवारी मालिक की होती है, ना कि उसकी जिसकी जगह पर वह चरने के लिए जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें खाली मैदान में पड़े चावल में कीटनाशक दवाई से मिली होने की वजह से चराने वाले की चार बकरियां मर गई।
जिसको लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गांव धौज के रहने वाले जमशेद ने बताया कि उनके पास चार बकरी है। हर रोज उन बकरियों को चराने के लिए पंचायती की खाली जमीन पर लेकर जाते हैं।
5 मार्च को उनको किसी काम से कहीं जाना था। इसकी वजह से उन का छोटा भाई साहिल, साजिद व सलमान उनकी चार बकरियों को चराने के लिए पंचायत की खाली जमीन पर लेकर चले गए। पंचायत की खाली जमीन के पास तेज सैनी के खेत भी लगे हुए थे।
तेज सैनी ने अपनी जमीन के साथ लगते पंचायती जमीन की बनी कीटनाशक दवाई चूहे मारने की रखी थी। जो कि उनकी बकरी चरते चरते चावल में मिली हुई कीटनाशक दवाई के पास चली गई।
जिसके चलते उनकी बकरियां चरते चरते वह चावल जिसमें कीटनाशक दवाई मिली हुई थी खाने के लिए चली गई। जिसकी वजह से उनकी चार बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
जमशेद ने बताया कि उनकी बकरियों की कीमत करीब 40,000 थी। उन्होंने बताया कि बकरियों के मरने से उनको काफी नुकसान हुआ है। इसीलिए वह अपना मुआवजा लेने के लिए पुलिस का सहारा लिया है।