महामारी ने जबसे पैर पसारे से तभी से काफी कुछ बदल गया है। नुकसान और घाटा हर क्षेत्र में देखने को मिला है। रेलवे की बात करें तो महामारी ने इसको भी नहीं छोड़ा। महामारी काल में किराया बढ़ाकर कम ट्रेनों में ही घाटे से उबरने की रेलवे ने योजना तैयार की है। 5470 करोड़ रुपये का लक्ष्य मार्च 2021 तक पूरा करना है।
लॉकडाउन के समय से बंद पड़ी ट्रेनें अब चलने को तैयार हैं। सबकुछ अब बदल भी रहा है। घाटे से रेलवे उबरना चाहता है। जिसके लिए और स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतारी जा सकती हैं।
महामारी के कारण पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया था। भारत में सभी वर्गों में इसका खौफ था। रेलवे की बात करें तो, वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में यात्रियों से मिलने वाले किराये में 78 फीसद कमी आई है। ट्रेनों में भीड़ न बढ़े, इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दे किराया बढ़ाकर पटरी पर उतारा जा चुका है।
महामारी के कारण अभी भी सभी ट्रेनें सुचारू रूप से नहीं चल पा रही हैं। अब रेल मंत्रालय ने देश भर के किस जोन में कितना लक्ष्य बचा है, इसकी सूची जारी की है। उत्तर रेलवे में अंबाला, दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और फिरोजपुर मंडल आता है। इन पांचों मंडल में 630 करोड़ रुपये का लक्ष्य रह गया है, जिसे 31 मार्च तक पूरा करना है।
महामारी से अब मजबूत स्थिति में हम लड़ रहे हैं। सबकुछ सामान्य होता दिखाई दे रहा है। लापरवाही बस आप ना बरतें। मास्क को लगाना बिलकुल ना भूले।
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