अधिकारी सुनते नहीं, सीएम विंडो पर कार्यवाही होती नहीं, जनता अपनी शिकायत लेकर जाए तो जाए कहां

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नगर निगम अधिकारियों की कार्यशैली इन दिनों सुर्खियों का विषय बनी हुई है। नगर निगम अधिकारी कभी महापौर सुमन बाला के साथ दुर्व्यवहार करते हैं या फिर कभी शिकायतकर्ता के साथ फोन पर ही बदजुबानी करते हुए नजर आते हैं। ऐसा ही एक मामला सीएम विंडो से सामने आया है जहां एक अधिकारी ने शिकायतकर्ता के साथ बदजुबानी की तथा उससे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। अब इसका ऑडियो वायरल हो रहा है।


दरअसल, एसजीएम नगर में रहने वाले धर्म सिंह और धर्मेंद्र ने बताया कि बीते 24 अगस्त को उन्होंने सीएम विंडो पर शिकायत दी थी कि मुल्ला होटल से लेकर कल्याण पुरी चौक तक बौद्ध विहार के निकट ग्रीन बेल्ट को आज तक नगर निगम ने व्यवस्थित नहीं किया है। जिसके कारण ग्रीन बेल्ट पर लोगों ने अपना कब्जा कर लिया है। वायरल हो रही ऑडियो के अनुसार जीत राम ने फोन कर शिकायतकर्ता को कहा कि आपकी शिकायत आई है बताओ क्या करना है, इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाना है तो एसडीओ ने कहा कि आप किसी दूसरे ब्लॉक में रहते हैं और शिकायत दूसरे ब्लॉक की है ऐसे शिकायत नहीं होती।

अधिकारी सुनते नहीं, सीएम विंडो पर कार्यवाही होती नहीं, जनता अपनी शिकायत लेकर जाए तो जाए कहां

आपकी किसी से पर्सनल है तो बताएं। शिकायतकर्ता ने पूरा अतिक्रमण हटवाने की बात कहा। धर्म सिंह ने बताया कि फिर कुछ दिन बाद एसडीओ फोन आया और उन्होंने दवा बनाया की अपनी शिकायत वापस लेकर साइन कर जाओ क्योंकि अतिक्रमण हट चुका है परंतु आज भी अतिक्रमण ज्यों का त्यों ही है।

आपको बता दें कि हाल ही में सीएम विंडो निगरानी कमेटी के सदस्य आनंद कांट भाटिया ने भी अधिकारियों के रवैए को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो में भ्रष्टाचार व्याप्त है। लोगों की समस्याएं सुलझाना तो दूर उनसे ठीक ढंग से बात भी नहीं की जाती है।

अधिकारी सुनते नहीं, सीएम विंडो पर कार्यवाही होती नहीं, जनता अपनी शिकायत लेकर जाए तो जाए कहां

ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि यदि नगर निगम अधिकारी की नजर में शिकायतकर्ता की शिकायत कोई अहमियत ही नहीं रखती तो शिकायत का समाधान कैसे होगा।