आज के समय में ईमानदार लोग जल्दी मिलते नहीं है। आज आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी इंसानियत का परिचय ऐसे समय में दिया जिसकी बहुत जरूरत थी, जी हां शकील नाम का शख्स जिसका परिवार उजड़ चुका था फिर भी उसने अपनी जान जोखिम डालकर एक लड़की की इज्जत बचाई। जिसका परिणाम उसे बाद में मिला।
दरअसल आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर का रहने वाला शकील ट्रक चलाकर अपना गुजर बसर करता था। उसकी पत्नी और 2 बच्चे एक सड़क दुर्घटना में दुनिया को अलविदा कह दिया था। एक दिन शकील किसी काम से ट्रक को लेकर दिल्ली की तरफ जा रहा था। अचानक उसकी नजर इटावा और मैनपुरी के बीच एक गाड़ी पर पड़ी, गाड़ी बिल्कुल खाली थी शकील को शक हुआ तभी एक लड़की के चिल्लाने की आवाज आई।
फिर शकील अपने कंडक्टर अमित के साथ लड़की को बचाने के लिए दौड़ पड़ा। शकील जब लड़की के पास पहुंचा तब उसके होश गए वहां 3 लड़के लड़की की इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। तभी शकील उन लड़कों के साथ भीड़ गए और मारपीट शुरू हो गयी।
जिसमें शकील और अमित को काफी चोटें आई। जैसे तैसे करके शकील ने उन लड़कों को भगाया और फिर उसी हालत में एक चादर लेकर आया और लड़की को ढक कर अस्पताल लेकर गया। आपको बता दे कि लड़की का नाम रेनू सिंह है जो अलीगढ़ की रहने वाली है। रेनू अलीगढ़ की एक स्कूल में लेक्चरर है।
अस्पताल पहुंचने के बाद रेनू के साथ साथ शकील का भी इलाज हुआ। जब शकील ने रेनू को पूरी कहानी बताई तो रेनू रो पड़ी और उस दिन से रेनू शकील को ही अपना पिता मानने लगी। रेनू ने अपनी ये कहानी अपने शादी के दिन बताई।
शकील भी रेनू को अपनी बेटी की तरह प्यार करता है। उसे महसूस नहीं होता कि उसका कोई बच्चा नहीं है। ऐसे लोगों को देख कर बहुत खुशी होती है कि आज के समय में भी कुछ इंसानियत बची हुई है।