एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते दामों ने एक बार फिर से ग्रामीण महिलाओं का रुझान चूल्हे की ओर कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल करने की बजाय इन दिनों चूल्हे का इस्तेमाल कर रही है।
दरअसल, बढ़ती महंगाई ने मध्यम वर्ग के लोगों की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों के साथ-साथ एलपीजी ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इन दिनों एलपीजी गैस के दामों में भी काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का रुझान एलपीजी गैस की तरफ हो गया है। महिलाएं इन दिनों एलपीजी गैस पर खाना बना रही है।
क्या कहना है ग्रामीण महिलाओं का
कौरली निवासी पुष्पा ने बताया कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर तो उपलब्ध करवा दिए परंतु बढ़ती महंगाई के चलते उसमें गैस कैसे भरवाई जाए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
रामवती ने बताया कि इन दिनों वह एलपीजी सिलेंडर की बजाए चूल्हे पर खाना बना रही है जिसके कारण समय तो ज्यादा लगता ही है वही चूल्हे पर खाना बनाने से काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है।
कमला ने बताया कि चूल्हे पर खाना बनाने से समय ज्यादा लग रहा है जिसकी वजह से वह अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पा रही व घर के अन्य काम भी नहीं कर पा रही है।
लीला ने बताया कि चूल्हे पर खाना बनाने की वजह आंखों में धुआं जाता है वही सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। मैं स्कूल में काम करती हूं। मुझे स्कूल से समय पर सैलरी नहीं मिल रही है जिससे मेरे घर में पैसों की तंगी है ऐसे में सरकार ने एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए हैं। इसे घर का खर्चा चलाने में काफी दिक्कत हो रही है।
वही आपको बता दें कि चूल्हे पर खाना बनाने से प्रदूषण भी होता है वही इसका स्वास्थ्य भी काफ़ी असर होता है। ।