प्रदेश में आने वाले समय में रोजगार की कमी अब नहीं होगी। हरियाणा भले ही अभी सबसे अधिक बेरोज़गार वाला प्रदेश है लेकिन आने वाले समय में स्थिति बदल सकती है। सूबे की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने प्रदेश की उद्यम एवं रोजगार नीति 2020 को पहले से अधिक कारगर बनाने तथा अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश राज्य में आमंत्रित करने की रणनीति तैयार की है।
किसी भी देश या प्रदेश में सबसे ज़रूरी बात होती है कि वहां के युवाओं को रोज़गार की कमी ना मिले। प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला है।
भारत सरकार के बाद अब हरियाणा सरकार ने अपना बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2021-22 के बजट में जो विजन पेश किया है, उसके आधार पर इस साल एक लाख करोड़ का औद्योगिक निवेश प्रदेश में लाया जाएगा तथा पांच लाख रोजगार सृजित होंगे। यह राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्राइवेट सेक्टर की 50 हजार नौकरियों से अलग है।
इस समय सबसे बड़ी समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए उसका रोजगार है। हरियाणा में यदि पांच लाख रोजगार सृजित होते हैं तो, युवाओं को नौकरी मिलना काफी आसान हो जाएगा। वर्ष 2021-22 के बजट में उद्योग एवं व्यापार के लिए हरियाणा सरकार ने 330 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। हरियाणवी युवा अब जोश के साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं।
निवेश बढ़ेगा तो रोजगार भी बढ़ेगा। हरियाणा सरकार निरंतर बेरोज़गारी दर को नीचे लाने के लिए प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75% आरक्षण हरियाणा के युवाओं के लिए रखा गया है।