अवैध कॉलोनी बसाने में फरीदाबाद जिला सबसे टॉप पर है। इस बात की जानकारी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सत्र में दी।
दरअसल, औद्योगिक नगरी में अवैध कॉलोनी का मुद्दा विधानसभा में उठा। जिले में अवैध कॉलोनी तेजी से कट रही है। यही कारण है कि अवैध कॉलोनी काटने में फरीदाबाद जिला सबसे टॉप पर है। यहां के कॉलोनाइजर लोगों को सस्ते दर पर प्लॉट दिलाने का सपना दिखाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। पैसा मिलते ही यह कॉलोनाइजर गायब हो जाते है परंतु अब सरकार ने कॉलोनाइजर पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि पिछले 7 सालों में जिले में 205 कॉलोनाइजर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई है। यह सारी जानकारी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सत्र के दौरान दी।
यह है फरीदाबाद में चिन्हित प्रमुख अवैध कॉलोनी
विभाग के मुताबिक, तिलपत गांव में, तिलपत शूटिंग रेंज के पास, पल्ला रोड, मवई गांव, वजीरपुर, भुपानी, नचौली रोड, रिवाजपुर गांव, खेड़ी कला, टीकावली, भतौला, बसेलवा, बादशाहपुर, इस्माइलपुर, किडावली, ददसिया, लालपुर, ताजोपुर, नचौली, बदरपुर सैद, महावतपुर, एत्मादपुर, अगवानपुर आदि क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों में किला और खसरा को भी चिन्हित किया गया है। जिला नगर योजनाकार का कहना है कि डीसी ऑफिस से लेकर रजिस्ट्री कार्यालय तक सभी जगह की अवैध कॉलोनियों की लिस्ट खसरा नंबर तक चस्पा किया गया है। जमीन खरीदने से पहले उसकी जान जरूर कर ले।
गौरतलब है कि यह कॉलोनाइजर लोगों को सस्ती जमीन देने का हवाला देते हैं और लोगों से मोटी कमाई करते हैं। कॉलोनी विकसित हो जाने के बाद कॉलोनाइजर पैसे लेकर गायब हो जाते हैं वही जब नगर निगम का ध्यान इन कॉलोनियों पर पड़ता है तो इन कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया जाता है जिसके बाद लोगों के पास ना तो पैसा रह जाता है और ना ही जमीन।
ऐसे में लोग अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस करते हैं और इन कॉलोनाइजर के झांसे में आकर अपनी सारी संपत्ति व्यर्थ कर देते हैं।