100 मीटर जमीन पर करीब 500 लोगों को मालिक बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में एसडीएम की भूमिका पर भी जांच हो रही है।
दरअसल, यूपी के दादरी से लेकर नवी मुंबई तक रेलवे कॉरिडोर का निर्माण होना है जिसके लिए करीब 8 साल पहले नोटिफिकेशन गजट जारी कर दिया गया है। रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए पलवल के कुछ गांव का अधिग्रहण किया गया था जिसमें असावटी, मेधापुर, लाडपुर, जटौला, ततारपुर पृथला गांव के 15 एकड़ जमीन शामिल है। जानकारी मिली है कि यहां 100 मीटर जमीन पर करीब 500 लोगों को मालिक बना दिया गया है।
इस मामले में एसडीएम की भूमिका पर भी जांच हो रही है। जमीन के टुकड़ों के खरीदारों में एसडीएम के रिश्तेदार, स्टाफ के कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी सहित अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। वहीं एसडीएम को 24 मार्च तक छुट्टी पर भेज दिया गया है। छुट्टी से वापस आने के बाद मामले की कार्यवाही की जाएगी।
कॉरिडोर के मैप के अनुसार 100 मीटर लंबाई की दो पट्टी के लिए अधिग्रहण किया गया है। इस अधिग्रहण के मामले में अधिकारियों ने गजब कारनामा किया है। इस जमीन के करीब 496 हिस्सेदार बन गए हैं जबकि 15 एकड़ जमीन के 20 हिस्सेदार हैं।
अधिग्रहण के लिए सेक्शन 4 का नोटिस जारी होने से पहले ही राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नियमों की उल्लंघना करनी शुरू कर दी। इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब 100 मीटर की जमीन के लिए करीब 22 साढ़े करोड रुपए का मुआवजा देने की बात आई।
रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को यह बात खटकी और उन्होंने अपने स्तर पर इस मामले की जांच की और जांच के बाद इस मामले को सीएम मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में लाया। इसकी जान जब शुरू हुई तो परत दर परत मामला खुलता चला गया।