जब से महामारी ने दस्तक दी है उसी दिन से देश समेत प्रदेश की अर्थव्यवस्था बदल सी गयी है। सबसे अधिक प्रभाव इस वायरस का अर्थव्यस्था पर ही पड़ा है। लेकिन अब स्थिति सुधरने के आसार लग रहे हैं। दरअसल, महामारी के झटकों से उबरते हुए हरियाणा की अर्थव्यवस्था अब और रफ्तार पकड़ सकती है। यह राहत भरी खबर है।
महामारी के तेजी से प्रसार को देखते हुए, पूरी दुनिया इसके प्रभावों का सामना कर रही है। लेकिन अब प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण में सुस्ती के शिकार औद्योगिक क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई गई है।
महामारी के चलते सरकार की प्राथमिकताएं और आम लोगों की खर्च व बचत करने की आदतों में भी बदलावा आया है। प्रदेश में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र की भी भागीदारी बढ़ेगी। महामारी के चलते घटी प्रति व्यक्ति आय में फिर से इजाफा होगा। खासकर कृषि क्षेत्र पर काफी उम्मीदें टिकी हैं। इसे शुभ संकेत माने जा रहे हैं।
महामारी से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। लेकिन प्रदेश की बात करें तो, मुख्यमंत्री ने आगामी वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करने के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी है। इसके मुताबिक चालू कीमतों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद सात लाख 64 हजार 872 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
स्थितियां अब सामान्य होने को हैं। सबकुछ बदला है लेकिन कमज़ोर कुछ नहीं हुआ है। हरियाणा की दशा अब संभलने जा रही है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की उम्मीद है।