तारीख पर तारीख- तारीख पर तारीख, आखिर कब होगा मेरी समस्या का समाधान

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नगर निगम अधिकारियों से आमजन को अपना काम करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अधिकारी आमजन को तारीख पर तारीख दे रहे हैं परंतु काम नहीं हो रहा। यह कहना गलत नहीं होगा कि सब कुछ हो रहा है पर काम नहीं हो रहा। ऐसा ही एक मामला नगर निगम के जन्म-मृत्यु पंजीकरण विभाग से सामने आया है जहां एक महिला अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए करीब डेढ़ साल से निगम दफ्तर के चक्कर काट रही है।


दरअसल, नगर निगम अधिकारियों के कार्यशैली के चर्चे जगजाहिर हैं। जब कोई आमजन अपनी समस्या को लेकर निगम अधिकारी के सामने फरियाद लेकर पहुंचता है तब वह उनकी फरियाद सुनने की बजाय उन्हें तारीख पर तारीख देकर काम को टालते रहते हैं। फरीदाबाद निवासी एक महिला राधिका ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उनके पुत्र वंश का जन्म तिकोना पार्क स्थित श्रीराम हॉस्पिटल में हुआ था। उसके बाद उक्त हॉस्पिटल बंद हो गया।

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अस्पताल ने बच्चे के जन्म की जानकारी जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण विभाग के रजिस्ट्रार को जमा नहीं करवाई। अब वह करीब डेढ़ साल से इस विभाग के चक्कर काट रही हैं परंतु अधिकारी हर बार एक नई तारीख देकर काम को टाल देते हैं। अधिकारी यह कहते हैं कि अस्पताल से लिखवा कर लाइए परंतु अस्पताल तो बंद हो चुका है और अस्पताल से संपर्क करने के लिए उनके पास कोई फोन नंबर भी नहीं है ऐसे में यह महिला करीब डेढ़ साल से अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निगम के चक्कर काट रही है और परेशान हो रही है।

आपको बता दें कि इन दिनों जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता बढ़ गई है। किसी भी स्कूल में दाखिला लेना हो या फिर कोई अन्य कार्य करना हो सभी सरकारी कामों में जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

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क्या कहना है अधिकारी का
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारी राजेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।