पत्नी की कैची से गोदकर हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सरताज की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर ₹20000 का जुर्माना भी लगाया है। दोषी ने पत्नी की गर्दन पर जब तक वार किया जब तक उसकी गर्दन धड़ से अलग नहीं हो गई।
अदालत ने माना कि हत्या का तरीका बेहद ही वीभत्स है। ऐसी व्यक्ति को किसी भी तरह से समाज के हित में नहीं रहना चाहिए।
जानकारी के अनुसार 17 मार्च 2018 को सेक्टर 23a गुरुग्राम निवासी ब्रिज शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी बहन अंजू की शादी 17 साल पहले हरी नगर आश्रम नई दिल्ली निवासी संजीव कौशिक के साथ हुई थी। संजीव कौशिक नगर निगम दिल्ली में नौकरी करते थे। वारदात से कुछ समय पहले ही वे ग्रीन फील्ड कॉलोनी में आकर रहने लगे थे ।
उनका एक बेटा भी है तब उसकी उम्र 15 साल की थी। संजीव कौशिक पत्नी अंजू के चरित्र पर संदेह करता था। इसको लेकर उसके साथ मारपीट भी करता था। 17 मार्च 2018 को पति पत्नी के बीच झगड़ा हुआ। उस वक्त उनका बेटा ग्रीन फील्ड कॉलोनी में ही ताऊ के घर पर था।
गुस्से में संजीव ने कैची से वार कर अंजू की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया। कैची से उसके सिर के भी टुकड़े-टुकड़े कर दिए। टुकड़ों को पॉलिथीन में भरकर दिल्ली लाजपत नगर फ्लाईओवर फैं1क दिया। थोड़ी देर बाद जब बेटा घर पहुंचा तो दरवाजा का ताला लगा मिला।
उसे ताऊ को सूचित किया। ताऊ ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने दरवाजा खोल कर देखा तो अंदर अंजू के सिर कटी लाश पड़ी थी। तब से यह मुकदमा अदालत में विचाराधीन था। बुधवार को अदालत के द्वारा दोषी मानते हुए संजीव कौशिक को फांसी की सजा सुनाई गई। साथ ही 20 हज़ार रुपए का जुर्माना भी किया।