स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले भर को स्वच्छ बनाने के नगर निगम ऐडी- चोटी का जोर लगा रहा है। मिशन के तहत अलग अलग वार्डों में नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है परंतु नोडल अधिकारियों के काम से पार्षद खफा है।
दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिलेभर को साफ करने के लिए नगर निगम काफी प्रयासरत है। निगमायुक्त यशपाल यादव ने शहर को साफ करने के लिए अनेक योजनाएं बनाई है जिसके तहत जिले भर के वार्डों नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है परंतु नोडल अधिकारियों के कार्यशैली से कई वार्डों के पार्षद खफा है। पार्षदों का कहना है कि नोडल अधिकारी उनसे सुझाव नहीं ले रहे हैं।
गौरतलब है कि निगमायुक्त यशपाल यादव ने 5 मार्च को जिले में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक वार्ड में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की थी। इकोग्रीन कंपनी ने दिसंबर 2017 में घर घर से कचरा एकत्र करने का काम शुरू किया था। एमओयू के अनुसार हर वार्ड से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाना था परंतु अब तक ऐसा नहीं किया जा सका है।
आपको बता दें कि इकोग्रीन की कार्यशैली से आमजन के साथ-साथ वार्ड पार्षद भी संतुष्ट नहीं है। कई वार्डों में इकोग्रीन की पर्याप्त वाहनों की संख्या भी नहीं है। पार्षद लंबे समय से नगर निगम सदन में यह मुद्दा उठाते रहे हैं मगर अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।
इको ग्रीन की गाड़ियों का सुचारू रूप से कार्य ना करना और वादों में सुचारू रूप से ना जाने के कारण लोग खुले में ही कचरा डाल देते हैं जिससे शहर भर में जगह जगह कूड़े के खत्तें बन जाते हैं।
क्या कहना है निगमायुक्त
निगमायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि अब तक नोडल अधिकारियों से जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक इकोग्रीन के पास वाहनों की संख्या कम है। हर घर से कचरा नहीं उठ पा रहा है। अगले हफ्ते हर बोर्ड के रिपोर्ट हो जाएगी। इको ग्रीन कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक करके सुधार के आदेश दिए जाएंगे।