पानी एक अनमोल विरासत है, इसे बचाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से मेरा पानी-मेरी विरासत नाम से नई स्कीम चलाई गई है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे धान की जगह पर मक्का, कपास, बाजरा व दलहन जैसी फसलो की बुआई करके फसल विविधकरण की नीति को अपनाएं ताकि गिरते भू-जल स्तर को सुधारा जा सके।
उप कृषि निदेशक फरीदाबाद डा. अनिल कुमार ने बताया कि धान के क्षेत्र को कम करने के लिए सरकार की तरफ से दूसरी फसल मक्का, दलहन, बाजरा, कपास की बुआई करने पर अनुदान देने का निर्णय लिया है। अब जो किसान धान के अलावा अन्य फसलों की बिजाई करेगा, उसे अनुदान की राशि दी जाएगी।
अनुदान की यह राशि उन्हीं किसानो को दी जाएगी जिनके नाम पर खेत या जमीन होगी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान ने पिछले साल धान की जगह दूसरी फसल की बुवाई की थी, की जानकारी रेवेन्यू विभाग से लेगा। रेवेन्यू विभाग की पुष्टि के उपरान्त की यह फायदा किसानों को मिलेगा।
अनुदान राशि को सीधे किसान के खाते मे ही भेजा जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि किसान पानी को बचाने के लिए धान की जगह अन्य फसलो की बुआई करके इस स्कीम का फायदा उठाएं।
उन्होंने बताया कि उपमंडल कृषि अधिकारी बल्लबगढ डाॅ. अजीत को मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। किसान इस स्कीम से जुडने के लिए अपने कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।