जब विधायक की ही बात नही सुन रहे अधिकारी तो हमारी क्या सुनेंगे

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नगर निगम की लापरवाही का भुगतान आम जनता को करना पड़ रहा है। नगर निगम समस्या को लेकर आश्वासन तो दे देता है परंतु उस पर कार्यवाही करना भूल जाता है। ऐसा ही एक मामला के तिगांव से सामने आया है जहां विधायक के आदेशों के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

दरअसल, तिगांव पुराने बस स्टैंड से सदपुरा रोड तक जाने वाली सीमेंटेड सड़क पर एक बार फिर से जलभराव हो गया है। जलभराव से यहां से आवागमन करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हजारों वाहन चालक प्रतिदिन इस समस्या से दो- चार होकर अपने गंतव्य तक जाते हैं।

जब विधायक की ही बात नही सुन रहे अधिकारी तो हमारी क्या सुनेंगे

गौरतलब है कि बीते 10 फरवरी को तिगांव के विधायक राजेश नागर ने मौका मुआयना किया था। विधायक ने मुख्य मार्ग पर जलभराव को देखकर नाराजगी जताई थी और 3 दिन के अंतर्गत समस्या का समाधान करने के आदेश दिए थे परंतु समस्या का समाधान करना तो दूर अब समस्या और बढ़ती ही जा रही है।

मंगलवार रात को यहां दो 2 फुट तक पानी भर गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मार्ग के किनारे रहने वाले लोगों के घर के दरवाजे तक पानी भर जाता है जिसकी वजह से उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।

इस मार्ग पर पानी निकासी को लेकर अधिवक्ता नरेंद्र कौशिक में केस डाला हुआ है। उन्होंने बताया कि अधिकारी अब विधायक की बात को भी नजर अंदाज करते हैं। शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है और हालात जस के तस है।

जब विधायक की ही बात नही सुन रहे अधिकारी तो हमारी क्या सुनेंगे

नगर निगम के अधिकारीगणों पर ताकत का नशा सर चढ़कर बोल रहा है इस वजह से ही वह विधायक के बातों को नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि अगर अधिकारी विधायक की बात को हल्के में ले रहे हैं तो आमजन के क्या ही हालात होते होंगे।