नगर निगम फरीदाबाद की कार्यशैली पर सवाल उठना अब आम बात हो गई है। जिले में लगभग 75 फीसदी पानी के कनेक्शन अवैध हैं। इसको लेकर नगर निगम के अधिकारी निश्चिंत बैठे हैं। नगर निगम ने अनधिकृत जल कनेक्शन को वैध करने के लिए एक पैमाइश परियोजना शुरू की है।अवैध पानी के कनेक्शन अच्छे संकेत नहीं है।
जिले में अवैध कॉलोनियां की और स्लम एरिया की गिनती काफी अधिक है। अवैध कनेक्शन भी यहां सबसे अधिक हैं। नागरिक निकाय के हालिया सर्वेक्षण के दौरान यह पता चला है कि शहर में लगभग 75 प्रतिशत पानी के कनेक्शन अनधिकृत हैं।
जब इन कनेक्शन को लगाया जा रहा था, उस समय निगम के अधिकारी कहां थे उनके पास इसका जवाब नहीं। एक तरफ शहर में पानी की समस्या है उपर से अवैध कनेक्शन। काफी इलाकों में हफ़्तों तक पानी नहीं आता है। पानी की किल्लत से फरीदाबाद काफी समय से झूझ रहा है। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि शहर में 5.6 लाख इकाइयां हैं, लेकिन केवल 1.39 लाख इकाइयों में ही कानूनी पानी के कनेक्शन हैं।
जिले में ऐसे बहुत से इलाके हैं जहां पानी भरने के लिए लोग रात – रात भर जागते हैं। उन्हें लगता है अगर दिन में नहीं तो शायद रात में पानी आएगा। अवैध पानी कनेक्शन अधिकांश तौर पर एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में झुग्गी झोपड़ी और घनी आबादी वाली कॉलोनियों में हैं। अवैध पानी और सीवरेज कनेक्शन से हर साल एमसीएफ को 5 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है।
पानी की समस्या कोई छोटी समस्या नहीं है। यह समस्या सीधा ज़िंदगी से जुडी है। अवैध कनेक्शन हों या पानी की किल्लत इन सभी को दुरुस्त करने के लिए नगर निगम के अधिकारीयों को जागरूकता से काम करने की आवश्यकता है।