गठवाला खाप के लोगों द्वारा महिलाओं के लिए सराहनीय कदम उठाया गया जिसमें घुंघट प्रथा को सदा के लिए कहा अलविदा कह दिया .संस्थापक दादा घासी राम की 158 वी जयंती पर मलिक गोत्र की गतवाला खाप ने एक बड़ा ही सरहनीय फैसला लिया।
जिसमें घूंघट प्रथा को सदा के लिए अलविदा कह खाप की महिलाओं को आजादी का एहसास कराया।
कोरोना के नियमों का पालन करते हुए खाप के लोगों ने बड़े ही सादगी के साथ जयंती समारोह का आयोजन किया। समारोह में घोषणा की गई कि बुजुर्गों का सम्मान करने के लिए महिलाओं का सिर पर पल्लू रखना है काफी रहेगा। इसके साथ ही घूंघट प्रथा को सदा के लिए अलविदा कह दिया गया।
जयंती समारोह में शादियों में दहेज ना लेने, शादी दिन में रखने, डीजे ना बजाने, लड़कियों को अच्छी शिक्षा देने आदि का प्रस्ताव भी रखा गया। जिसको सब ने खूब सराहा।
खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक द्वारा दादा घासी राम के जयंती समारोह की अध्यक्षता की गई। समारोह में जरूरतमंदों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही भाईचारा बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
दादा घासीराम के जयंती समारोह में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन को दोहराकर किसानों के हौसलों को बढ़ाया गया।
पूर्व सैनिक संघ एवं सर्व खाप पंचायत के प्रवक्ता जगबीर सिंह मलिक ने बताया कि आंदोलन कारी किसानों के लिए दिल्ली रोड़ स्थित गांव कहलावड में दिन-रात भंडारा चलाकर आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही भोजन की सेवा की जा रही है। जोकि मलिक गोत्र के गांव द्वारा ही की जा रही है।
रोहतक आकाशवाणी केन्द्र के पूर्व निदेशक धर्मपाल सिंह मलिक, सतबीर सिंह मलिक, विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर कुलबीर सिंह मलिक, जसबीर सिंह मलिक, शमशेर सिंह मलिक, साहब सिंह मलिक, राजबीर सिंह मलिक, राजेन्द्र सिंह मलिक, दलजीत सिंह मलिक सहित विभिन्न तपेदार और थांबेदार पहुंचे दादा घासी राम के जयंती समारोह में शामिल रहे व समारोह के सराहना की।