भारतीय न्यायपालिका के अंतर्गत दोषियों को सजा दी जाती है परंतु कभी-कभी निर्दोष लोग भी संगीन अपराधों में फंस जाते हैं। इतिहास में ऐसे बहुत से मामले हैं जिसमें निर्दोषों को सजा मिली है वही ऐसे भी बहुत से मामले रहे है जिनमें अधिवक्ताओं द्वारा बेबुनियाद तौर पर फंसे व्यक्ति को बचाया गया है ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद से सामने आया है जहां अधिवक्ता हेमराज कपासिया ने झूठे केस में फंसे एक व्यक्ति की जमानत करवाई है।
दरअसल, क्राइम ब्रांच सेक्टर 17 द्वारा एनडीपीसी एक्ट में फंसे एक व्यक्ति हेमंत उर्फ बाबा को क्राइम ब्रांच द्वारा नीमका जेल भेज दिया गया था। हेमंत उर्फ बाबा को हेमराज कपासिया द्वारा बचाया गया । आपको बता दें कि हेमंत उर्फ बाबा पर एनडीपीसी एक्ट के तहत 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
क्राइम ब्रांच ने हेमंत को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत के लिए नीमका जेल भेज दिया था। अधिवक्ता हेमराज कपासिया जो इस व्यक्ति की पैरवी कर रहे थे उन्होंने अदालत में अपनी दलीलों से हेमंत उर्फ बाबा को 7 दिनों में सेशन जज वीरेंद्र मलिक की अदालत से जमानत अर्जी पर मंजूरी दिलवाई है।
गौरतलब है कि बीते वर्ष 12 नवंबर 2020 को बल्लभगढ़ पुलिस ने दो आरोपियों को एनडीपीसी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान पलवल निवासी रियाज पुत्र जलालुद्दीन और नूंह निवासी रिजवान पुत्र खुर्शीद के रूप में हुई थी। पुलिस को मुखबिर ए खास से जानकारी मिली थी कि दो व्यक्ति ब्रेजा गाड़ी में 4 पैकेट गांजा लेकर जा रहे थे।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया वही एक अन्य व्यक्ति हेमंत उर्फ बाबा को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में हेमंत उर्फ बाबा का नाम दर्ज नहीं किया गया है ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हेमंत को पुलिस द्वारा रंजिशन गिरफ्तार किया गया था।
अधिवक्ता हेमराज कपासिया ने बताया कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो निर्दोष होने के बावजूद भी नीमका जेल में बंद है।
आपको बता दें कि NDPS एक्ट के तहत ड्रग्स का उत्पादन करने, बनाने, रखने, बेचने, खरीदने, दूसरी जगह भेजने, एक राज्य से दूसरे राज्य में आयात या निर्यात करने और इस्तेमाल करने पर सजा का प्रावधान है।