जिस पर मां बाप का आशीर्वाद है, गुरु का आशीर्वाद है, संसार में उससे ज्यादा भाग्यशाली कोई नहीं होता। मां बाप ही धरती के प्रत्यक्ष देवी देवता हैं। उक्त वक्तव्य कांग्रेसी नेता विजय प्रताप ने संत सुरक्षा मिशन के तहत एनएच 5 बांके बिहारी मंदिर के पास आयोजित भागवत कथा में शिरकत करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से जीवन तर जाता है। जीवन में भक्ति बहुत जरूरी है, बिना भक्ति के ज्ञान निरर्थक है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में है। विजय प्रताप ने कहा कि श्रीमद भगवत गीता के श्लोक में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है। उन्होंने बताया कि वेद व्यास जी ने भी जब नारद जी से पूछा कि मैंने ब्रहसूत्र की रचना कर दी, महाभारत भी लिख दी, गीता का ज्ञान भी लिख दी लेकिन मुझे शांति नहीं मिली, तो नारद जी ने कहा आप जब तक भगवान कृष्ण की जीवनी नहीं लिखते, भक्ति नहीं करते तब तक शांति नहीं मिलेगी।
ज्ञान का महत्व भक्ति के साथ ही है। विजय प्रताप ने कहा कि केवल धर्म ग्रंथों का अध्ययन करना मनुष्य के लिए हितकर नहीं है, बल्कि धर्म ग्रंथों को अपने जीवन में उतारना ही सच्ची भक्ति है। इससे न केवल हम स्वयं का बल्कि समाज का कल्याण कर सकते हैं। श्रीराम, श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर हम परमानंद प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर विजय प्रताप ने कथा व्यास संतोष जी महाराज का स्वागत किया। कार्यक्रम में उनके साथ संतोष जी महाराज, राकेश कोहली, मदनलाल, कमल चढ़ा, गौरव तनेजा सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।