फरीदाबाद नगर निगम में समय-समय पर विभिन्न प्रकार की शिकायतें रिकॉर्ड में देखी जाती रही है जो कि निगम के कर्मचारियों की लापरवाही की ही होती है। इस समय सामने आने वाली बड़ी खामियां संपत्ति कर सर्वे के मामले में है। सर्वे रिपोर्ट में किसी भी संपत्ति कर का पूरा ब्यौरा दर्ज नहीं किया गया है।
नगर निगम द्वारा सर्वे रिपोर्ट की जांच के दौरान सामने आया कि कहीं संपत्ति मालिक का नाम सही नहीं है तो कहीं संपत्ति मालिक का ब्यौरा ही नहीं दिया गया है। इन खामियों के चलते नगर निगम को अब फिर से नई शुरुआत करनी पड़ेगी। निगम को नई रिपोर्ट तैयार करनी पड़ेगी जिसके आधार पर ही वे संपत्ति मालिक को नोटिस भेज पाएंगे।
इस रिपोर्ट के अनुसार निगम के रिकॉर्ड में 2.62 इकाइयां हैं जिन से संपत्ति कर वसूला जाता है। जब भी कुछ समय पहले निजी एजेंसी द्वारा तैयार कर निगम को दी गई रिपोर्ट में लगभग 5.5 लाख यूनिट सामने आए। जिनमें मकान, औद्योगिक इकाइयां व वाणिज्यिक संस्थान शामिल है।
नगर निगम इस सबके चलते असमंजस में भी है। इस वर्ष शहर वासियों से 50 करोड़ संपत्ति कर के रूप में नगर निगम ने वसूल किए हैं। लेकिन अब 150 करोड़ रुपए निगम शहर वासियों से वसूल कर पाएगा जोकि सर्वे रिपोर्ट में निगम क्षेत्र में मकानों व औद्योगिक इकाइयों के जुड़ने से संभव हो पाएगा।
2.88 लाख नई यूनिटी जुड़ने के कारण निगम को उम्मीद थी कि अब निगम का खजाना भरेगा परंतु सर्वे रिपोर्ट में पाई खामियों के चलते निगम को काफी इंतजार करना पड़ सकता है।
नगर निगम मुख्यालय के कई अधिकारी विनोद गुलाटी ने बताया कि नई सर्वे रिपोर्ट में पिछले रिकॉर्ड का अभी मिलान कर खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में थोड़ा समय लग सकता है। उन्होंने उम्मिड जताते हुए कहा कि नए वित्त वर्ष में ही भी संपत्ति कर वसूली के लिए नोटिस भेजना शुरू कर देंगे। साथ ही अन्य खामियों पर भी ध्यान देंगे।