Homeजनता कर्फ्यू का एक साल : दिनभर सड़कों पर सन्नाटे को ताकती...

जनता कर्फ्यू का एक साल : दिनभर सड़कों पर सन्नाटे को ताकती रही थीं निगाहें, जानिये एक साल में क्या हुआ हाल

Array

Published on

ठीक एक साल आज उन मंज़र को गए हैं जो कभी आँखों से मिट नहीं पाएंगे। महामारी का प्रकोप सभी को डरा रहा था, सड़के सूनी कर रहा था। अपनों को भी छूने में डर लग रहा था, बाहर निकलने को मन नहीं करता था। देश में महामारी के खिलाफ जंग की आधिकारिक शुरुआत आज ही के दिन जनता कर्फ्यू से हुई थी।

सड़कें वीरान थीं, सबकुछ हैरान था, भारत है या कोई दूसरी जगह सब सोच कर परेशान थे। महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच 22 मार्च 2020 को पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था और लोगों को अपने घरों में ‘कैद’ हो जाने को कहा था।

जनता कर्फ्यू का एक साल : दिनभर सड़कों पर सन्नाटे को ताकती रही थीं निगाहें, जानिये एक साल में क्या हुआ हाल

घरों में कैद हुए यादें बनाई, वो पल गुज़रे जो कभी चाहे थे। वो मंज़र देखे जो कभी सोचे थे। वो समय बीता जो कभी ज़िक्र किया था। लॉकडाउन का ट्रायल कहे जाने वाले इसी जनता कर्फ्यू ने देश को एक झलक दे दी थी कि भारतवासियों को महामारी से बचाने के लिए कुछ दिन तक घरों में सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके बाद पूरा देश महीनों तक लॉकडाउन में रहा और वैक्सीन का इंतजार करता रहा।

जनता कर्फ्यू का एक साल : दिनभर सड़कों पर सन्नाटे को ताकती रही थीं निगाहें, जानिये एक साल में क्या हुआ हाल

अपनों को खोया, नए मेहमानों को पाया। कोई दूर था सब मजबूर थे। महामारी से लड़ाई में कुछ भी हौसलों के बिना नहीं हो रहा था। आज भारत के पास दो-दो वैक्सीन हैं और टीकाकरण की रफ्तार भी काफी तेज है, मगर चिंता की बात है कि फिर भी महामारी का मर्ज बढ़ता ही जा रहा है। ऐसी उम्मीद थी कि वैक्सीन आने के बाद भारत से महामारी छूमंतर हो जाएगी, मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है।

जनता कर्फ्यू का एक साल : दिनभर सड़कों पर सन्नाटे को ताकती रही थीं निगाहें, जानिये एक साल में क्या हुआ हाल

हमारी लापरवाही हमें भारी पड़ रही है। जनता कर्फ्यू का एक साल हुआ है। वो पल याद करके सतर्क अभी नहीं हुए थे समय निकल जाएगा। महामारी से लड़ा जा सकता है, इस से जीता जा सकता है। लापरवाही बरतने से नहीं सावधानी दिखाते हुए।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...