23 मार्च को रक्तदान कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारीया पूरी।

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90 वर्ष पहले एक इतिहास लिखा गया था जब देश की आज़ादी के लिए भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को फाँसी के फंदे पर लटका कर शहीद किया गया था। अंग्रेज़ी हकूमत की ग़ुलामी को ख़त्म करने के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने वाले इन महान शहीदों की याद में 23 मार्च 2021 को देश फिर से एक इतिहास रचने जा रहा है।

देश के महामहिम राष्ट्रपति भी इस इतिहास के साक्षी बनने जा रहे हैं। जज्बा फाउंडेशन एवं नैशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस की ओर से शुरू किए गए संवेदना अभियान के तहत इस दिन देश भर में 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित होंगे जिनमे 1.5 लाख के लगभग रक्त यूनिट दान कर शहीदों को श्रधांजलि दी जाएगी।

23 मार्च को रक्तदान कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारीया पूरी।

फरीदाबाद में इस अभियान को प्रदेश की जज्बा फाउंडेशन के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। जज्बा फाउंडेशन के अध्यक्ष हिमांशु भट्ट के द्वारा फरीदाबाद शहर की समाजसेवी संस्थाओ के लिया आज एक मीटिंग का आयोजन किया गया व सभी को रक्तदान शिविरों की जानकारी देते हुए बताया कि फरीदाबाद शहर में इस अभियान के अंतर्गत 2 रक्तदान शिवरों का आयोजन किया जा रहा है।

जिसमे एक रक्तदान शिविर सेक्टर-12 खेल परिसर स्थित इंडोर स्टेडियम में प्रात: 09 बजे से दोपहर 03 बजे तक लगाया जा रहा है जिसका शुभारंभ जिला उपायुक्त श्रीमान यशपाल यादव जी करेंगे। वही दूसरा रक्तदान शिविर नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की और से NIT स्थित दौलतराम धर्मशाला में लगाया जा रहा है।

इस सम्बंध में जानकारी देते हुए संवेदना अभियान के हरियाणा प्रदेश से संयोजक हिमांशु भट्ट ने बताया कि आगामी 23 मार्च को देश के सभी 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित होने जा रहे 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन विडीओ कोनफ़्रेंस के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद करेंगे ओर इस सम्बंध में उनकी लिखित स्वीकृति आ चुकी है।

नशा नहीं, रक्तदान कीजिए। युवाओं को इस संदेश के साथ देश को स्वैच्छिक रक्त दान के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के इस प्रयास में हरियाणा प्रदेश के युवा भी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। संवेदना के जिला संयोजक हिमांशु भट्ट ने बताया कि रक्त दान के इस महाअभियान में आज पूरा देश ही नहीं विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीय भी इस अभियान से जुड़ चुके है ओर सभी की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है।

पूरा वर्ष बर्फ़ से ढके रहने वाले लहौल स्पीती में पहली बार रक्त दान शिविर आयोजित होगा। पश्चिमी बंगाल के में केवल महिला रक्त दाताओं के शिविर लगाया जाएगा ओर साथ ही किन्नर समाज के लोग रक्त दान शिविर आयोजित कर इस क्षेत्र में एक नई शुरुआत करेंगे। देश व प्रेदश में सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलने वाले राष्ट्र व्यापी अभियान में एक ही दिन 1500 से अधिक रक्तदान शिविर लगाए जाएँगे जिनमे लगभग 1.5 लाख यूनिट रक्त इकट्ठा कर करोना काल में रक्त की कमी को दूर करने में एक बड़ा हिस्सा डाला जाएगा। लक्ष्य यह कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को खून की कमी न हो ओर देश में हर वर्ष रक्त की होने वाली कमी को समाप्त किया जाए।

संवेदना के सम्बंध में जानकारी देते हुए हिमांशु ने बताया कि इस अभियान के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ़्ट्वेर व मोबाइल ऐप भी लॉंच की जाएगी जिसमें देश भर के रक्त दाताओं का डेटा होगा व किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रक्त की आवश्यकता होने पर उसकी ज़रूरत उस शहर के उस रक्त ग्रूप के दानियों के माध्यम से पूरी हो जाएगी। मीटिंग के दौरान संभारये सोशल से अभिषेक देशवाल, युवा आगाज़ संयोजक जसवन्त पंवार, सोनू नाव चेतना फाउंडेशन से दुर्गेश शर्मा, NGO गुरुकुल से गायत्री जी एवम किशन अदि मौजूद रहे।