दमघोटु हवाओं ने घेरा शहर, फरीदाबाद का यह क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित

0
240

फरीदाबाद शहर जो कि हर वर्ग में आगे बढ़ रहा है। वही प्रदूषित शहरों की सूची में भी फरीदाबाद 11 वें स्थान पर पहुंच चुका है। प्रदूषित शहरों की सूची में इतना आगे आना फरीदाबाद के लिए निंदनीय है। न केवल अभी बल्कि पिछले कई सालों से फरीदाबाद की हवा प्रदूषित बनी हुई है।

समय-समय पर अनेक जागरूकता कार्यक्रम भी होते रहते हैं ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। बावजूद इसके न कोई नेता और न ही जनता प्रदूषण के मुद्दे को लेकर कोई अहम कदम उठाते हैं। हर साल स्थिति बिगड़ती जा रही है। यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रदूषित हवा फरीदाबाद वासियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।

दमघोटु हवाओं ने घेरा शहर, फरीदाबाद का यह क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित

देश के प्रदूषित शहरों में से फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में ही रहता है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स हमेशा ही सामान्य से 5 या 6 गुना अधिक बना रहता है। पिछले दिनों आइक्यू एयर द्वारा 106 देशों के हजारों शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट जारी की गई।

जारी रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2020 के दौरान दुनिया के 30 टॉप प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद के 22 शहर सम्मिलित हैं। इन शहरों में से फरीदाबाद की 11 वें स्थान पर है। दिवाली के समय, सर्दियों में व फसलों की कटाई के समय तो प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि 400 से भी ऊपर पहुंच जाता है। जो कि सामान्य दिनों में 200 से 300 के बीच रहता है।

फरीदाबाद के अलग-अलग क्षेत्रों की बात की जाए तो एनआईटी क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स 374 दर्ज किया गया। रविवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर बुलेटिन के अनुसार फरीदाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 286 दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 6 गुना अधिक है।

दमघोटु हवाओं ने घेरा शहर, फरीदाबाद का यह क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित

शहर के अन्य क्षेत्रों की बात की जाए तो सेक्टर 30 क्षेत्र में 227, सेक्टर 21 में 260 व बल्लभगढ़ क्षेत्र में 210 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया जो कि बहुत अधिक है।

प्रदूषण को खत्म करने के लिए अनेक प्रयास भी किए जा रहे हैं। फरीदाबाद नगर निगम द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 5 एंटी स्मोग ग्नर खरीदने की तैयारी शुरू कर दी गई है। एंटी स्मॉग गन मैं स्थित टैंक द्वारा पानी का तेज प्रेशर से छिड़काव किया जाएगा।

यह अलग-अलग वाहन पर तैनात होने के कारण इन्हें एक से दूसरे स्थान पर ले जाने में सुविधा होगी। यह गन वाटर टैंक से जुड़ी होगी और इसमें 5000 लीटर पानी होगा। इस एंटी स्मॉग गन द्वारा धूल कण नीचे आ जाएगा जिससे प्रदूषण का स्तर कम करने में सहायता मिलेगी।