ट्रांसपोर्ट विभाग की इन हरकतों की वजह से जल्द ही सिटी बस से वंचित रह जाएगा ग्रेटर फरीदाबाद

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जिले के लोगों की सुविधा के लिए 27 फरवरी को सिटी बस सेवा शुरू की गई थी। लेकिन उन्हीं सिटी बस को जिले में पार्किंग करने की जगह नहीं मिल पा रही है। जिसकी वजह से बस के ड्राइवर व कंडक्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आए दिन उनको बल्लभगढ़ बस स्टैंड डिपो के सेंड इंचार्ज से इसको लेकर बहस बाजी होती है। लेकिन उसके बावजूद भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।

ट्रांसपोर्ट विभाग की इन हरकतों की वजह से जल्द ही सिटी बस से वंचित रह जाएगा ग्रेटर फरीदाबाद

ग्रेफा कनफेडरेशन ऑफ आरडब्लूए के ट्रस्टी एडवोकेट सत्येंद्र दुग्गल ने बताया कि 27 फरवरी को जिले के लोगों के लिए या फिर यूं कहें नहर पार के लोगों के लिए सिटी बस सेवा को शुरू किया गया था। जिससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है।

ट्रांसपोर्ट विभाग की इन हरकतों की वजह से जल्द ही सिटी बस से वंचित रह जाएगा ग्रेटर फरीदाबाद

लेकिन उसके बावजूद भी सिटी बस की पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है। जिसकी वजह से सिटी बस को बल्लभगढ़ बस स्टैंड के अंदर कुछ समय के पार्क कर दिया जाता है। लेकिन पार्किंग का भी बल्लभगढ़ बस स्टैंड के इंचार्ज द्वारा चार्ज लिया जा रहा है। जो कि बिल्कुल गलत है।

इसको लेकर उनके पास आए दिन किसी न किसी ड्राइवर या कंडक्टर का फोन आता है कि इस समस्या का कोई समाधान निकाला जाए। इसको लेकर उन्होंने कई बार बल्लभगढ़ डिपो के जीएम से भी बात की है। लेकिन उनका कहना है कि यह जो बसें है वह नगर निगम के द्वारा चलाई जा रही है।

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इस डिपो के अंदर सिर्फ हरियाणा रोडवेज की बसों को पार्क करने की परमिशन है। इसके अलावा अगर कोई भी बसें या अन्य राज्य की बसें पार्क होती है। तो उसके लिए उनको स्टैंड चार्ज देना ही होगा। उन्होंने बताया कि 1 महीने का स्टैंड चार्ज करीब 1800 है, जो कि बस चालक व ड्राइवर को देना होगा।

इस बारे में जब बल्लभगढ़ बस स्टैंड के डिपो मैनेजर नवनीत बजाज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिटी बस सेवा जो चलाई जा रही है वह नगर निगम गुड़गांव के द्वारा चलाई जा रही है। जिसके लिए उनको स्टैंड पर पार्क करने के लिए उनको स्टैंड चार्ज देना ही होगा।

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क्योंकि नगर निगम को वह हर साल टेक्स भरते  हैं इसीलिए जब उनको किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलती है। तो वह भी सिटी बस को किसी प्रकार की रियायत नही दी जा रहे है। उन्होंने बताया कि यह जो मामला है वह जीएम लेवल का नहीं है। उन्हें उच्च अधिकारियों से इस बारे में बात करनी चाहिए।