शादी का दिन किसी भी इंसान के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है। शादी से बड़ा पर्व कोई नहीं माना गया है। देश में शांतिदूत सबसे बड़े गद्दार हैं, इस बात की जानकारी सभी को है लेकिन न जाने कौनसे डर से लोग खामोश रहते हैं। दिल्ली के सराय काले खां में इन दिनों शांतिदूतों ने आतंक मचा रखा है। उपद्रव मचाने वालों ने तलवार लेकर हिंदुओं पर हमले किये।
मुस्लिम युवती ने दलित युवक से शादी की तो, शांतिदूतों को यह रास नहीं आया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दलित युवक को मारने का ठाना और उसके मोह्हले में जाकर आतंक मचाया। पुलिस को पैरा मिलिट्री फोर्स लगानी पड़ी।
शांतिदूतों का यह विषैलापन वहां के लोगों में दहशत का माहौल बना रहा है। खुद यह लोग जब लव जिहाद कर बेकसूर हिन्दू युवतियों की इज़्ज़त लूटते हैं, उनसे छद्दम कर शादी करते हैं। अपना वारिस उस हिन्दू युवती से पैदा कर युवती को मारने वाले जिहादी आज, दलितों को अपनी कॉम की लड़की से शादी करने पर उसको मारने के लिए तलाश रहे हैं।
दलितों के नाम पर अपना खेल खेलने वाली लॉबी पूर्ण रूप से शांत है। शांतिदूतों की यह हरकत स्तब्ध कर देने वाली है। मुस्लिम परिवार को यह शादी पसंद नहीं आई। लड़की के परिवारवालों, रिश्तेदारों और समुदाय के 20-25 लोग सराय काले खां इलाके की हरिजन बस्ती में पहुंच गए। तोड़-फोड़ करने लगे। गली में जो भी सामान दिखा, उठा-उठाकर पटक दिया।
यह लोग आतंक का पर्याय तो पहले ही बने हुए हैं, अब ऐसी हरकतों से यह यकीन भी दिला रहे हैं कि इनपर भरोसा मतलब आंखे बंद करके रेलगाड़ी के नीचे आना। इस इलाके में इन शांतिदूतों से आमजन अपनी जान बचा सके इसके लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगें।