फरीदाबाद शहर में अनेकों कार्य किए जा रहे हैं ताकि शहर को और स्मार्ट बनाया जा सके। इसके लिए अब चंडीगढ़ की तर्ज पर फरीदाबाद की यातायात व्यवस्था को और स्मार्ट बनाया जाएगा।
प्रदूषण खत्म करने, नाली निर्माण कार्य, पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने, मेट्रो पिलर को सवारने के साथ-साथ अब सड़क हादसों को रोकने, लोगों को जाम से बचाने और रोडवेज की वारदातों को कम करने के लिए शहर के ट्रैफिक सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
उपर्युक्त कार्यों के लिए स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक द्वारा शहर के 6 मुख्य सड़कों पर स्पीड डिटेक्टर सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई जिसमें करीब 77 लाख रुपे तक खर्च किए जाएंगे।
अन्य कार्यों के साथ-साथ अब यातायात व्यवस्था को सुधारने का काम भी शुरू हो चुका है। शहर में करीब 15 सौ कैमरे लगे हैं जिन्हें फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से ही लगाया गया है।
शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की सहायता से 24 घंटे वाहन चालकों पर नजर रखी जाती है ताकि वह सही ढंग से वाहन चलाएं व दुर्घटनाओं से बचे रहें। यह कार्य स्मार्ट सिटी कार्यालय में बने कमांड एंड कंट्रोल रूम द्वारा किया जाता है।
शहर में बहुत सी जगह ऐसी है जहां दिन रोज दुर्घटना घटित हो रही है, सड़कों पर जगह-जगह जाम लगे दिखाई देते हैं, अपनी मर्जी से हाई स्पीड में वाहन चालक वाहन चलाते हैं व ट्रैफिक रूल्स को तोड़ते नजर आते हैं। इन सब का कारण है कि उन मार्गों पर सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं। जिस कारण वाहन चालकों की मनमर्जी करते हैं।
निजी एजेंसी हनीवेल और भारती एयरटेल द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया है 6 ऐसी जगह हैं जहां कैमरे नहीं लगाए गए। इन जगहों में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 स्थित एनएचपीसी चौक, मैगपाई चौक, मेवला महाराजपुर अंडरपास, वाईएमसी चौक, गुडयर चौक, केली गांव बाईपास,
डीपीएस स्कूल समेत कुछ जगह सम्मिलित है जहां कैमरे लगाए जाने की जरूरत है। यहां ओवरस्पीड, रेड लाइट, जंप ड्रंकन ड्राइव के मामले अधिक सामने आते हैं। जिस कारण दुर्घटना की अधिक होती हैं। यातायात पुलिस द्वारा इस मामले में स्मार्ट सिटी अधिकारियों को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई थी।
पउपर्युक्त सभी समस्याओं का ध्यान रखते हुए मुख्य सड़कों पर स्पीड डिटेकटर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर मंजूरी दे दी गई है। जिन का ठेका हनीवेल और भारती एयरटेल कंपनियों को दिया गया है। कैमरे लगाने के बाद ड्रंकन ड्राइव, रेड लाइट जंप, ओवर स्पीड जैसी मुख्य समस्याओं पर रोक लग सकेगी।
नियमों का उल्लंघन करने वालों के घर चालन पहुंचाए जाएंगे यहां तक कि उनके लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं। इन सभी कार्यों से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में अधिक सहायता मिल सकेगी।