किसान आंदोलन अब आम जनता को परेशानी देने लगा है। आमजान किसानों से काफी खफा हो रहे हैं। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर 28 नवंबर से धरने पर बैठे किसान प्रदर्शनकारी जहां एक तरफ सड़कों को स्वच्छ रखने की अपील कर रहे हैं, वहीं कुछ गंदगी फैलाकर वहां की सूरत बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
गंदगी से पास – आस इलाकों में बदबू फैल रही है। गुस्सा लोगों में फूट चुका है। यहां पर न तो प्रदर्शनकारी स्वच्छता की तरफ ध्यान दे रहे हैं और न ही संबंधित विभाग।
यहां से गुजरने वाले लोगों की तबियत बिगड़ने लगी है। बच्चों को परेशानी हो रही है। और इसके चलते एलिवेटेड रोड पर पुल के नीचे के हिस्से में गंदगी का अंबार लग गया है। दरअसल, जब प्रदर्शनकारियों ने धरने की शुरुआत की थी तो पहले दिन से ही सड़कों को स्वच्छ रखने की बात कही थी। लेकिन यह सब नहीं हो पाया।
किसानों से प्रति अब आमजन की सहानुभूति मिटने लगी है। दिल्ली के बॉर्डर की बात करें या फिर यूपी के हर जगह गंदगी का आलम है। किसानों का रवैया यहां के लोगों के साथ ठीक नहीं है। यूपी गेट पर जगह-जगह स्लोगन भी लगा दिए गए थे कि सड़कों को अपनी नीयत की तरह साफ रखें, लेकिन समय के साथ-साथ यह अपील धरी की धरी रह गई।
लोकतंत्र में धरना करने का अधिकार सभी को है लेकिन उस धरने के कारण आमजन की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त कर देना यह कानून में नहीं है। किसान देश के साथ – साथ आमजन को भी घाव दे रहे हैं।