कन्या भ्रूण हत्या रोकने में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों की भूमिका सबसे अहम – पुनिया

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सीएमओ डा. रणदीप सिंह पुनिया ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए आंगनवाड़ी वर्करों व आशा वर्करों की बहुत की महत्वपूर्ण भूमिका है। आशा व आंगनवाड़ी वर्कर गांव की महिलाओं के साथ काफी करीब संपर्क में होती हैं और उन्हें पता होता है कि कोन सी गर्भवती महिला एमटीपी के लिए जा रही हैं। सीएमओ डा. पुनिया गोल्फ ञ्चलब में चार दिवसीय आशा वर्कर प्रशिक्षण शिविर में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अधिकतर महिलाएं दूसरी बार गर्भवती होने के पश्चात लिंग जांच व गर्भपात करवाती हैं। ऐसे में आंगनवाड़ी व आशा वर्करों को प्रत्येक महिला के विषय में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ कुछ आशा वर्कर गांवों में झगड़े की आशंका के चलते एमटीपी की सूचनाएं समय पर नहीं दे पाती। ऐसे में अब प्रत्येक द्ब्रलाक में एक सुझाव व सूचना पेटी लगाई जाएगी।

कन्या भ्रूण हत्या रोकने में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों की भूमिका सबसे अहम - पुनिया

इसमें कोई भी आशा अथवा आंगनवाड़ी वर्कर अपना नाम बताए बगैर सूचना लिखकर डाल सकती हैं।
इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी अनिता शर्मा ने कहा कि पीएनडीटी पर निगरानी के लिए आशा वर्करों व आंगनवाड़ी वर्करों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पहली बेटी होने के पश्चात दूसरी बार गर्भवती होने पर एमटीपी की संभावना काफी बढ़ जाती है।

कन्या भ्रूण हत्या रोकने में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों की भूमिका सबसे अहम - पुनिया

ऐसे में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों को इस समय काफी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। पीसी पीएनडीटी ऐक्ट की उल्लंघना, रेड गतिविधि, इन्सेनटिव स्कीम और लिंगनुपात सुधारने पर आशा वर्करों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में जानकारी दी। इस अवसर पर एडवोकेट रोहन गुप्ता,डॉ गजराज, डॉ नरेंद्र कौर, डॉ हरीश,एडवोकेट संजय गुप्ता व डॉ स्वर नूर उपस्थित रहे।