आए दिन हम यह तो सुनते हैं कि शहर में जगह-जगह सीवर जाम है और उसको लेकर प्रशासन कोई भी कार्यवाही नहीं कर रही है। लेकिन हमने कभी यह नहीं सोचा कि जो व्यक्ति उस सीवर की सफाई कर रहा होता है। उसको नगर निगम के द्वारा क्या सेफ्टी दी जाती है। ताकि उसकी जान को कोई परेशानी ना हो।
नगर निगम के द्वारा किसी भी सफाई कर्मचारी को किसी भी प्रकार की कोई भी सेफ्टी उपकरण प्रदान नहीं किए जाते हैं। लेकिन उनके द्वारा अभी कुछ समय पहले शहर में जगह-जगह कुछ बोर्ड को लगाया गया है। जिसमें उन्होंने अवगत कराया है सफाई कर्मचारी बिना सेफ्टी के सफाई करता हुआ पाया जाता है। तो वह उस टोल फ्री नंबर पर फोन करके उनको अवगत करा सकते हैं।
लेकिन उस टोल फ्री नंबर को कोई भी अधिकारी उठाने को तैयार नहीं है। इसके अलावा कई बार अगर उस नंबर पर ज्यादा फोन आने शुरू हो जाते हैं। तो उसको ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया जाता है।
जिससे कि सामने वाले बंदे को यह बताया जाता है, कि वह नंबर अभी इनवेलिड है नगर निगम के द्वारा शहर में जगह-जगह एक विज्ञापन लगाया गया है या फिर यूं कहें जागरूकता के लिए बोर्ड लगाया गया है।
जिसमें लिखा हुआ है कि सेफ्टी टैंक और सीवर की असुरक्षित सफाई करवाना कानूनी जुर्म है। इसकी सूचना तुरंत 14420 पर्दे और अपने सफाई मित्र की रक्षा करें सुरक्षा नहीं तो सफाई नहीं 24 x 7 हेल्पलाइन नंबर 14420 एक कदम सुरक्षा की ओर यह लिखा हुआ है।
लेकिन अगर हम इस टोल फ्री नंबर की बात करें तो कहने को तो यह 24 x 7 है। लेकिन इस नंबर जब कॉल किया जाता है तो अधिकारी फोन नहीं उठाता है। इसके अलावा शाम के बाद इस नंबर पर जब कॉल किया जाता है। तो वहां से बोला जाता है कि यह नंबर उपलब्ध नहीं है।
क्योंकि शाम को ड्यूटी खत्म होने के बाद अधिकारी के द्वारा इस नंबर को फ्लाइट मोड पर कर दिया जाता है। जिससे जो भी व्यक्ति उस नंबर पर कॉल करता है। तो वह उसको बताता है कि यह नंबर उपलब्ध नहीं है। इस बारे में जब एडिशनल मुनिसिपल कॉर्पोरेशन इंद्रजीत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने क्या किया है कि यह नंबर सही उसे चल रहा है।
अगर इसमें कोई समस्या आ रही है तो वह इसकी जांच करेंगे। वही नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर बताया कि निगम के द्वारा नगर निगम के द्वारा उनको किसी प्रकार की कोई भी सेफ्टी उपकरण प्रदान नहीं किए जाते हैं। यहां तक कि सफाई के दौरान ग्लव्स व शूज की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। वह भी उनके द्वारा प्रदान नहीं किए जाते हैं। जिसके चलते कर्मचारियों को बिना उपकरण के ही सीवर की सफाई करनी पड़ती है।