नगर निगम फरीदाबाद द्वारा पाली गांव के अरावली क्षेत्र में जबरदस्ती जगह पर कब्जा करने और उसमें बंधवाड़ी जैसा कचरा पहाड़ बनाने के विरोध में आज पाली गांव में क्षेत्र के सभी गांवों व कालोनियों की महापंचायत हुई।
इस महापंचायत में पाली, मोहबताबाद, पाखल, पावटा, गोठड़ा नयागांव, भांकरी, सैनिक कालोनी, नवादा, डबुआ, खेड़ी व नेकपुर के मौजिज लोगों ने हिस्सा लिया।
महापंचायत में नगर निगम द्वारा चंडीगढ़ हाई कोर्ट में 1992 से चल रहे केस की अनदेखी करते हुए पाली गांव की पट्टी शामलात जमीन पर कब्जा करने और यहां गुड़गांव तक कि पुलिस लगा कर बंधवाड़ी जैसा कचरा घर बना देने का पुरजोर विरोध किया गया।
पंचायत का कहना है की नगर निगम ने पुलिस को झूठा परमिशन लेटर देकर माननीय कोर्ट को बेवकूफ बनाया है।
यही नही, मौके पर जब ग्रामीण मौजिज लोग पंहुचे तो पुलिस ने बुजुर्ग एवं मौजिज लोगों को गाली गलौच एवं लाठी बल के सहारे वहां से ये कहकर भगाया की अगर कोई भी यहां दिखाई दिया तो उसे पूरी जिंदगी जेल में काटनी होगी। ग्रामीणों को फ़ोटो खींचने तक नही दिया गया।
महापंचायत की और से नियुक्त वकीलों ने बताया कि इस मुद्दे पर माननीय हाई कोर्ट में दो दिन के अंदर अर्जी दाखिल कर दी जाएगी और साथ ही पेड़ काटने एवं जीवित जल क्षेत्र के बिल्कुल किनारे खुले में कचरा डाल कर पूरे वातावरण को बर्बाद करने के लिए माननीय NGT कोर्ट में इन निगमों के खिलाफ केस दर्ज करवाये जाएंगे।
इसके साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा माननीय कोर्ट के आदेश को ना मान कर निगम के झूठे पर्चे को महत्व देने, गांव वालों के साथ गलत व्यवहार करने एवं ग्रामीणों को इतनी गलत गतिविधि की फोटोग्राफी करने से रोकने व डराने के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की जाएगी।