महज अब कुछ ही दिनों की दूरी पर होली का त्यौहार है जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है दस्तक देने को है ऐसे में जहां कुछ लोग संक्रमण के चलते इस त्यौहार को मनाने से गुरेज कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इस बार होली को उत्साह के साथ खेलने का मन बना रहे हैं
मगर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस बार होली पर एक अहम फैसला ले लिया है। उनका कहना है कि इस होली में है होली के रंगों से खुद को दूर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि आज सड़क से लेकर संसद, विधानसभा, गली, मोहल्ले, चौक, चौराहे और हर घर में किसान आंदोलन की चर्चा है। हर वर्ग किसानों के इस संघर्ष में उनके साथ खड़ा है।
लेकिन इन सबके बीच किसानों के प्रति सरकार का रवैया बेहद निंदनीय है। सरकार का अड़ियल और संवेदनहीन रवैया किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
हुड्डा का कहना है कि देश का अन्नदाता तकलीफ में है। 118 दिन से लाखों किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं। 300 से ज्यादा किसान अपनी शहादत दे चुके हैं। ऐसे में किसी तरह का जश्न मनाना उचित नहीं है। उन्होंने एक बार फिर सरकार से आंदोलनकारियों की मांगें मानने की अपील की है।
हुड्डा का कहना है कि सरकार को अपना अड़ियल रुख छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए और संवेदनशील तरीके से उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता की आवाज सर्वोपरि होती है।
सत्ता में बैठे लोगों को उसका सम्मान करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि सरकार आंदोलन को जितना लंबा खींचेगी, ये उतना विस्तार लेता जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह तोहारो में भी किसान अपने परिवार से दूर रहकर अपने लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं। मगर लानत है ऐसी सरकार पर कि उनके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।