देशभर में हरियाणा को उसके सेना प्रेम से लेकर हरियाली के लिए तो जाना ही जाता है लेकिन अब बेरोजगारी के लिए दुनियाभर में हरियाणा की पहचान बन रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इस साल लगभग 1.5 लाख नौकरियां सृजित करने की घोषणा के बावजूद हरियाणा में बेरोज़गारी बढ़ी है। लॉकडाउन के बाद रोजगार पर आर्थिक मंदी का असर अभी तक कम नहीं हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में दर्ज की गई है। प्रदेश में लगातार बेरोजगारी दर अधिक होती जा रही है। देश के सबसे ज़्यादा बेरोज़गार लोग हरियाणा में रहते हैं।
26.4% बेरोजगारी दर के साथ, हरियाणा की बेरोजगारी दर, राष्ट्रीय औसत से लगभग चार गुना है। देश की बेरोजगारी दर 6.9 है। सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी के द्वारा यह आंकड़ें निकाले गए हैं। बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। इस समस्या से लड़ने के लिए ही हरियाणा सरकार ने नया कानून बनाया है।
निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण के बावजूद हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। हरियाणा में आपको 100 में से लगभग 3 लोग बेरोज़गार दिखाई देंगें। देश में सबसे अधिक दर प्रदेश में ही है। बेरोजगारी के कुछ मुख्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे कि शिक्षा की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी, कौशल की कमी और अन्य।
प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द इन आंकड़ों को बदलने के लिए कार्य करना होगा। नया कानून हो सकता है शायद प्रदेश में बेरोज़गारी दर को कम कर सके। लेकिन इस स्थिति को बदलना बहुत आवश्यक हो गया है।