बिजली विभाग का फरमान: अगर करना चाहते हैं बिल का ऑनलाइन भुगतान तो करना होगा तीन गुना भुगतान

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बिजली विभाग उपभोक्ताओं को भेजे गए बिल की राशि को ऑनलाइन स्वीकार नहीं कर रहा है इसकी जगह वह दर्शाई गई राशि से लगभग तीन गुना राशि जमा कराने की डिमांड कर रहा है। बिल जमा करने की आखिरी तारीख 1 अप्रैल है।

इस बारे में बिजली विभाग की कस्टमर केयर 1912 पर जानकारी प्राप्त करने पर कहा जा रहा है कि बढ़ाई गई राशि जमा करानी ही होगी। यह फालतू राशि क्यों मांगी जा रही है इसका कोई उचित कारण उपभोक्ताओं को नहीं बताया जा रहा है।

बिजली विभाग की इस लूट व मनमानी से सभी उपभोक्ता परेशान हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने बिजली बिल बढ़ोतरी की घोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर उनको उपभोक्ताओं की नाराजगी व चिंता से अवगत कराया है और अचानक की गई इस बिजली बिल बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

बिजली विभाग का फरमान: अगर करना चाहते हैं बिल का ऑनलाइन भुगतान तो करना होगा तीन गुना भुगतान

हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि एक उपभोक्ता द्वारा खर्च की गई बिजली रीडिंग के हिसाब से बिजली का बिल 1410 रुपया आया था जब इस बिल राशि को ऑनलाइन जमा कराने की कार्रवाई की गई तो रुपए 3263 की डिमांड की जा रही है। इसी प्रकार एक बिजली बिल की राशि सिर्फ 569 है अब उसकी जगह रुपए 4544 मांगे जा रहे हैं। बिना किसी सूचना व उचित कारण के इस प्रकार भारी संख्या में की गई बढ़ोतरी से सभी उपभोक्ता परेशान है और वे मारे मारे बिजली दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कहीं से भी कोई सकारात्मक मदद नहीं मिल पा रही है।

बिजली विभाग का फरमान: अगर करना चाहते हैं बिल का ऑनलाइन भुगतान तो करना होगा तीन गुना भुगतान

मंच का कहना है कि कोविड 19 के चलते बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार चले गए हैं । दो टाइम की रोटी खाना भारी पड़ रहा है। आसमान छूती मंहगाई ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। उसी समय सरकार के निर्देश पर बिजली निगम ने एसीडी के रेट बढ़ाकर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने सरकार व निगम प्रबंधकों से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। मंच ने केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा सहित सभी विधायकों से भी इस विषय पर तुरंत उचित कार्रवाई करने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने की गुहार लगाई है